डिजिटल डेस्क/कोलकाता : पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) कार्यक्रम की बदौलत एक बेहद भावुक और सुखद मामला सामने आया है। उत्तर 24 परगना जिले के हबरा इलाके में रहने वाले एक वृद्ध माता-पिता को 26 साल पहले घर से भागा हुआ अपना बेटा मिल गया है।
बेटे, तरुण दत्त, ने व्यवसाय में भारी नुकसान के बाद कर्जदारों से बचने के लिए 26 साल पहले अपने पिता प्रशांत दत्त और मां सांत्वना दत्त को छोड़कर घर छोड़ दिया था। परिवार ने इतने लंबे समय से तरुण का कोई पता नहीं लगा पाया था।
हाल ही में, स्थानीय बूथ स्तरीय अधिकारी (बीएलओ) ने प्रशांत दत्त को जानकारी दी कि उनके बेटे तरुण दत्त का गणना प्रपत्र पश्चिम मेदिनीपुर जिले में जमा पड़ा है। यह जानकारी एसआइआर प्रक्रिया के दौरान मतदाता सूची के पुनरीक्षण के दौरान सामने आई। सूचना मिलते ही, वृद्ध माता-पिता ने तुरंत पश्चिम मेदिनीपुर के संबंधित बीएलओ से संपर्क किया। दोनों बीएलओ के बीच समन्वय से प्रशांत और सांत्वना दत्त की बातचीत उनके बिछड़े हुए बेटे तरुण दत्त से कराई जा सकी। यह घटना एसआइआर जैसे सरकारी कार्यक्रमों के सामाजिक और मानवीय पहलुओं को उजागर करती है, जो न केवल चुनावी प्रक्रिया को दुरुस्त करते हैं, बल्कि अप्रत्याशित रूप से परिवारों को एकजुट करने का भी माध्यम बन सकते हैं।

