निजी विद्यालयों की मनमानी, सरकार और शिक्षा विभाग पर पड़ रही है भारी : बार बार शुल्क ब्यौरा और ऑडिट रिपोर्ट मांगने पर भी अबतक 27 स्कूलों ने नहीं दिया जवाब

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कुछ निजी स्कूल सरकार से हठकर चलाते है अपना नियम कानून : बार बार शुल्क ब्यौरा और ऑडिट रिपोर्ट मांगने पर मात्र 37 स्कूलों ने ही दिया जवाब

डीएसई ने इन स्कूलों से मांगा जवाब, मान्यता की एनओसी वापस लेने की अनुशंसा क्यों नहीं की जाए?

मिरर मीडिया : शिक्षा व्यवस्था और शैक्षणिक संस्थान एक नियम और सीमित दायरे में रहकर चलाए जाते हैं जिसपर सरकार के शिक्षा विभाग की निगरानी रहती है। समय समय पर इसकी पड़ताल और इन शैक्षणिक संस्थान के द्वारा अवैध रूप से किये जा रहें या नियम विरुद्ध या मनमानी पर लगाम लगाने का कार्य शिक्षा विभाग या सरकारी संस्थाएं करती है पर आज के निजी विद्यालयों की मनमानी सरकार के शिक्षा विभाग पर भी भारी पड़ता नज़र आ रहा है। जी हाँ हम बात कर रहें है जिले के निजी स्कूलों की जो कि विगत 3 वर्षों का शुल्क ब्यौरा और ऑडिट रिपोर्ट डीएसई कार्यालय में जमा कराने  के आदेश के बावजूद जिले के 64 निजी स्कूलों में से 37 स्कूलों ने ही अभी तक शुल्क ब्यौरा और ऑडिट रिपोर्ट की जानकारी डीएसई कार्यालय में भेजी है। दो बार रिमाइंडर के बाद भी कई स्कूलों ने जानकारियां नहीं दी है।

डीएसई ने रिपोर्ट नहीं देने वाले स्कूलों से मांगा स्पष्टीकरण

जिन स्कूलों ने अभी तक शुल्क ब्यौरा और ऑडिट रिपोर्ट नहीं सौंपी है डीएसई इंद्र भूषण सिंह ने इन स्कूलों के प्राचार्य से स्पष्टीकरण मांगा है। स्कूलों को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि यह सरकार के आदेश की अवहेलना है। स्कूल प्रबंधन को 3 दिनों में अपना पक्ष स्पष्ट करने को कहा गया है साथ ही पूछा गया है की क्यों नहीं सक्षम प्राधिकार को मान्यता संबंधी एनओसी वापस लेने की अनुशंसा कर दी जाए। पत्र की प्रतिलिपि डीएसई ने डीईओ, उपायुक्त, प्राथमिक शिक्षा निदेशक व सीबीएसई को भेजी है। हालांकि पत्र में आईसीएसई से मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों का जिक्र नहीं है।

इन स्कूलों से डीएसई ने जवाब मांगा है की क्यों नहीं एनओसी वापस लेने की अनुशंसा की जाए।

👉चासनाला एकैडमी झरिया
👉दून पब्लिक स्कूल कुसुम बिहार
👉ज़ीजीसीइटी सेंट जेवियर इंटरनेशनल स्कूल
👉होली मदर एकेडमी फुलवार
👉आईएसएल झरिया
👉सरस्वती शिशु विद्या मंदिर सिंदरी
👉स्कूल ऑफ कंपटीशन चिरकुंडा
👉जवाहरलाल नेहरू मेमोरियल स्कूल
👉झारखंड पब्लिक स्कूल बलियापुर
👉लायंस पब्लिक स्कूल सिंदरी
👉संत थॉमस हाई स्कूल तोपचांची
👉सिंबोसिस पब्लिक स्कूल बरवाअड्डा
👉अपर्णा पब्लिक स्कूल केजी आश्रम
👉आईएसएल सुदामाडीह
👉महर्षि मेंही विद्यापीठ लोहारडीह धनबाद
👉माउंटफोर्ट एकैडमी दयाबांस पहाड़ तोपचांची
👉वैली पब्लिक स्कूल बेनागोडिया
👉स्वामी विवेकानंद स्कूल चिरकुंडा
👉माउंट लिट्रा जी स्कूल
👉मोंटफोर्ट एकैदमी आमाघाट
👉पेमिया ऋषिकेश मेमोरियल स्कूल भेलाटांड़
👉डीसीईटी पब्लिक स्कूल छोटा अंबोना
👉मदर हलीमा पब्लिक स्कूल भूली,
👉सर्वमंगला पब्लिक स्कूल नगरीकला
👉दून पब्लिक स्कूल तोपचांची
👉जेके सिन्हा मेमोरियल इंटरनेशनल स्कूल ऑफ लर्निंग नावाडीह, व
👉डीएवी सिजुआ

बता दे कि कोरोना काल में राज्य सरकार द्वारा जारी आदेशानुसार ऑफलाइन कक्षाएं शुरू होने तक निजी स्कूलों को सिर्फ ट्यूशन फीस लेने का आदेश दिया गया था एवं ऑफलाइन कक्षा शुरू हो जाने के बाद समानुपातिक रूप से ट्यूशन फीस के अलावा अन्य मदों पर शुल्क लिए जाने का निर्देश दिए गया था। इसके साथ ही शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2017 के अनुसार स्कूलों को हर वर्ष शैक्षणिक सत्र पर अधिकतम 10 प्रतिशत तक शुल्क बढ़ाने की अनुमति है। लेकिन इसके विपरीत कई निजी स्कूलों ने मनमाने ढंग से राज्य सरकार के आदेशों का आवेहलना करते हुए  कोरोना काल में फीस ली और साथ ही वार्षिक शुल्क में भी 10 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि की। इसके बाद ही जिला प्रारंभिक शिक्षा समिति का गठन किया गया और जिले के सभी निजी स्कूलों से शुल्क ब्यौरा और ऑडिट रिपोर्ट की मांग की गई।

बहरहाल, डीएसई ने शुल्क ब्यौरा और ऑडिट रिपोर्ट नहीं सौंपने वाले स्कूलों को शोकॉज नोटिस जारी कर दिया है।  वहीं अब ये देखना होगा कि अंततः इस मामले में स्कूल प्रबंधन क्या जवाब देते हैं जिसके अनुसार डीएसई द्वारा क्या कार्रवाई की जाती है।

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