मिरर मीडिया : भारतीय रेलवे माल गोदाम श्रमिक संघ का सम्मेलन करते हुए अपनी मांगों को एक बार फिर श्रमिक संघ के राष्ट्रीय महामंत्री अरुण पासवान ने केंद्र सरकार के समक्ष अपनी मांगे रखी।

इस बाबत संघ के राष्ट्रीय महामंत्री अरुण पासवान ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि 2003 में वर्तमान श्रम मंत्री और रेल मंत्री ने हमारी मांगों को लगभग मान लिया था लेकिन उसके बावजूद भी अब तक इस पर कोई विचार केंद्र की वर्तमान सरकार के द्वारा नहीं किया जा रहा है यह दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि 28 अक्टूबर 2003 को एक बैठक आयोजित की गई थी। जिसमें तत्कालीन रेलमंत्री नीतीश कुमार और तत्कालीन श्रम मंत्री साहिब सिंह वर्मा मौजूद थे उस समय हमारी सभी मांगों को मान लिया गया था।

लेकिन आज तक उस बैठक में लिए गए निर्णय को लटका कर रखा गया है। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि अपनी मांगे मनवाने के लिए वह 600 से अधिक जगहों पर सम्मेलन कर चुके हैं और यह कार्यक्रम लगातार आगे भी जारी रहेगा।
बैठक में मौजूद पूर्व बियाडा अध्यक्ष विजय झा ने बताया कि किसी भी प्रकार की रीढ़ की हड्डी मजदूर और किसान होते हैं और वर्तमान के केंद्र सरकार मजदूर और किसानों के हितों की अनदेखी कर रही है यह न्यायोचित नहीं है। सरकार बनाने में मजदूर और किसान का अहम रोल होता है वह किसी भी प्रकार को बना सकते हैं और जब चाहे उसे गद्दी से हटा भी सकते हैं सरकार को इनकी मांगों पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।