जनता का पैसा, सुविधा सिर्फ नेताओं के परिवार को? यह नहीं चलेगा” — मरांडी

KK Sagar
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रांची/दिल्ली: झारखंड सरकार द्वारा दिल्ली स्थित झारखंड भवन में कमरे बुकिंग को लेकर नया सर्कुलर जारी किए जाने के बाद राजनीतिक घमासान तेज हो गया है। सरकार के फैसले के अनुसार अब सिर्फ विधायकों और उनके परिवारों को ही झारखंड भवन में रहने की अनुमति मिलेगी। इसके बाद आम जनता को—जो पहले विधायकों की अनुशंसा पर कमरे पा जाती थी—अब ठहरने की सुविधा नहीं मिलेगी।

इस निर्णय पर पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने कड़ा विरोध जताते हुए X (पूर्व ट्विटर) पर सरकार पर बड़ा हमला बोला है।

“जनता का पैसा, सुविधा सिर्फ नेताओं के परिवार को? यह नहीं चलेगा” — मरांडी

मरांडी ने लिखा कि झारखंड भवन जनता के टैक्स के पैसों से बना है, इसलिए वहां रहने का पहला अधिकार भी जनता का होना चाहिए, न कि सिर्फ विधायकों और अफसरों के परिवारों का।
उन्होंने परिवारवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए लिखा—

“झामुमो–कांग्रेस जैसे परिवारवादी दलों को यह फैसला भले उचित लगे, लेकिन हमारे जैसे विधायक जनता को ही अपना परिवार मानते हैं। ऐसे जनविरोधी फैसले स्वीकार नहीं।”

ऊर्जा भवन के गेस्ट हाउस पर भी उठाए सवाल

बाबूलाल मरांडी ने दिल्ली के ऊर्जा भवन से संचालित गेस्ट हाउस को लेकर भी सरकार को घेरा। उन्होंने बताया कि ऊर्जा भवन का गेस्ट हाउस प्रति माह 5 लाख रुपये किराए पर चल रहा है और इसके संचालन में हर वर्ष कई करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं।

उन्होंने मुख्यमंत्री और ऊर्जा मंत्री हेमंत सोरेन से सवाल पूछा—

“ऊर्जा विभाग के गेस्ट हाउस में कौन ठहर रहा है? करोड़ों का खर्च किसकी सुविधा के लिए किया जा रहा है? सरकार पारदर्शिता से जवाब दे।”

निर्णय को बताया जनविरोधी

मरांडी ने इस फैसले को आम जनता के हितों के खिलाफ बताते हुए इसे तुरंत वापस लेने की मांग की है। उनका कहना है कि दिल्ली में झारखंड से उपचार, इंटरव्यू, परीक्षा या अन्य आवश्यक काम से जाने वाले लोग झारखंड भवन में सस्ती और सुरक्षित ठहरने की सुविधा से वंचित हो जाएंगे।

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