रामभक्तों का असीम समर्पण: तीन हजार करोड़ से अधिक का योगदान
अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के लिए देशभर से उमड़ी श्रद्धा ने नया इतिहास रच दिया है। राम मंदिर भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि अब तक रामभक्तों ने तीन हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि रामलला को समर्पित की है।
अब तक लगभग 1500 करोड़ रुपये की बिलिंग हो चुकी है, जबकि मंदिर निर्माण का कुल खर्च करीब 1800 करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है।
2022 के बाद भी जारी रहा दान, दानदाताओं को मिलेगा आमंत्रण
मिश्र ने बताया कि 2022 में चले निधि समर्पण अभियान के बाद भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने मंदिर निर्माण के लिए दान दिया। अब समिति ने निर्णय लिया है कि ऐसे सभी दानदाताओं को ध्वजारोहण कार्यक्रम में आमंत्रित किया जाएगा।
यह कार्यक्रम समरसता और राष्ट्रभावना का प्रतीक होगा, जिसमें 8,000 से अधिक श्रद्धालु शामिल होंगे।
श्रीराम मंदिर में एक साथ 8 हजार श्रद्धालुओं के दर्शन की व्यवस्था
मुख्य मंदिर में एक बार में 5 से 8 हजार श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे।
दर्शन मार्ग से दक्षिण द्वार से निकलने तक का समय करीब 20 मिनट और सुग्रीव किला तक पहुंचने में लगभग 40 मिनट लगेंगे।
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए जूते-चप्पल रखने के तीन स्थल बनाए जा रहे हैं, जो परकोटे के समीप होंगे। परकोटे का निर्माण 5 नवंबर तक पूरा कर लिया जाएगा।
25 नवंबर को पीएम मोदी करेंगे ध्वजारोहण, परिसर की भव्यता का लेंगे अवलोकन
ध्वजारोहण समारोह के मुख्य अतिथि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी होंगे। वे 25 नवंबर को राम मंदिर के शिखर पर ध्वजा फहराएंगे और 70 एकड़ परिसर की भव्यता का दर्शन करेंगे। पीएम सप्त मंडपम, परकोटा, शेषावतार मंदिर और कुबेर टीला पर भी जा सकते हैं। बुधवार को ध्वज ट्रायल सफलतापूर्वक किया गया है।
प्रधानमंत्री के कार्यक्रम पर मंथन, मंदिर परिसर का अवलोकन भी संभव
राम मंदिर निर्माण समिति की बैठक में ध्वजारोहण समारोह और प्रधानमंत्री के कार्यक्रम को लेकर विस्तृत चर्चा हुई।
समिति ने पीएम मोदी से परकोटा और सप्त मंदिर क्षेत्र का अवलोकन करने का अनुरोध करने का निर्णय लिया है।
उन्हें मंदिर परिसर में बनी म्यूरल्स और ऋषि-मुनियों के आश्रम स्वरूप सप्त मंदिर क्षेत्र के बारे में भी जानकारी दी जाएगी।
योगदानकर्ताओं को मिलेगा सम्मान, वृहद आयोजन की तैयारी
समिति ने घोषणा की है कि 25 नवंबर के बाद एक वृहद आयोजन किया जाएगा, जिसमें मंदिर निर्माण में सहयोग देने वाली कंपनियों, सप्लायर्स, कार्यकर्ताओं और दानदाताओं को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा।
शहीद स्मारक और अस्थायी मंदिर को भी मिलेगी विशेष पहचान
नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि अब केवल दो प्रमुख कार्य शेष हैं—शहीद स्मारक का निर्माण और अस्थायी मंदिर का संरक्षण।
शहीद स्मारक के तौर पर धातु का एक स्तंभ बनाया जाएगा, जो फरवरी 2026 तक तैयार हो जाएगा।
अस्थायी मंदिर को स्मारक स्वरूप में संरक्षित किया जाएगा, जहां सदैव दीप प्रज्ज्वलित रहेगा।
23 नवंबर को मीडिया को मिलेगा मंदिर परिसर का प्रवेश
ध्वजारोहण समारोह से पहले, 23 नवंबर को मीडिया प्रतिनिधियों के लिए मंदिर परिसर खोला जाएगा, ताकि पत्रकार स्थल का अवलोकन कर सकें और जनता तक भव्य निर्माण की झलक पहुँचा सकें।

