मिरर मीडिया धनबाद : अपने गर्भवती पुत्री की गला काट कर हत्या कर देने के मामले में आज अदालत ने अपना फैसला सुनाया। धनबाद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश रजनीकांत पाठक की अदालत ने आरोपी झरिया निवासी राम प्रसाद साव को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया है।
राम प्रसाद साव जेल मे बंद था वह मुकदमा लडने के लिए अधिवक्ता रखने मे सक्षम नही था। लिहाजा उसने डालसा सचिव सह अवर न्यायाधीश निताशा बारला से उसके बचाव मे मुकदमा लडने के लिए नि:शुल्क अधिवक्ता देने की प्रार्थना बंदी आवेदन पत्र लिखकर की। डालसा सचिव ने लीगल एड डिफेंस कांउसिल सिस्टम के डिप्टी चीफ अजय कुमार भट्ट को आरोपी की ओर से मुकदमा लडने का निर्देश दिया था । जिन्होने राम प्रसाद की ओर से अदालत में जिरह, दलील पेश की।
प्राथमिकी आरोपी की पत्नि की शिकायत पर झरिया थाने मे दर्ज की गई थी। प्राथमिकी के मुताबिक आरोपी की पुत्री ने अपने पिता के इच्छा के विरुद्ध लव मैरेज किया था और अपने पति के साथ रह रही थी। वह तीन माह की गर्भवती थी यह बात राम प्रसाद को अच्छा नही लग रहा था इसलिए उसने 22 को अपनी पत्नी को कहा की बेटी को लेकर जमीन देखने चलते हैं। आरोप था कि जब आरोपी की पत्नि व पुत्री(मृत्तका) जमीन पर बैठ कर बात कर रही थी उसी वक्त रामप्रसाद पीछे से आकर अपनी पुत्री का बाल पकड़कर उसका गला काट दिया । पुलिस ने अनुसंधान के बाद को आरोप पत्र दायर किया था। आरोप तय होने के बाद मामले की सुनवाई शुरू हुई थी। अभियोजन ने इस मामले में छह गवाहों का परीक्षण कराया था।