नई दिल्ली/नेपीदॉ – म्यांमार में भूकंप का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। मंगलवार तड़के 2:32 बजे (भारतीय समयानुसार) एक बार फिर हल्के भूकंप के झटके महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के अनुसार, भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.4 मापी गई और इसका केंद्र जमीन से 10 किलोमीटर की गहराई में था। हालांकि यह भूकंप हल्का था और इससे किसी प्रकार की बड़ी क्षति की सूचना नहीं है।
इससे पहले सोमवार को भी म्यांमार में तेज भूकंप के झटके दर्ज किए गए थे। वहीं 23-24 मई की मध्यरात्रि में भी 4.0 तीव्रता का भूकंप आया था, जिससे लोग घबराकर घरों से बाहर निकल आए थे।
विशेषज्ञों के अनुसार, म्यांमार भूकंप के लिहाज से विश्व के सबसे संवेदनशील क्षेत्रों में गिना जाता है। इसे वैश्विक भूकंपीय जोखिम मानचित्र में रेड जोन यानी उच्च जोखिम वाले क्षेत्र में शामिल किया गया है।
भूकंप के बार-बार आने का मुख्य कारण सागाइंग फॉल्ट को माना जा रहा है। यह एक बड़ा टेक्टोनिक फॉल्ट है जो भारतीय प्लेट और सुंडा प्लेट के बीच स्थित है। यह फॉल्ट म्यांमार के भीतर लगभग 1,200 किलोमीटर तक फैला हुआ है। वैज्ञानिकों के अनुसार, इस फॉल्ट के दोनों भूभाग हर साल 11 से 18 मिलीमीटर की दर से खिसकते हैं, जिससे धीरे-धीरे तनाव बनता है और फिर वह भूकंप के रूप में ऊर्जा छोड़ता है।
हालांकि मंगलवार के भूकंप से जान-माल की कोई हानि नहीं हुई है, लेकिन लगातार आ रहे झटकों ने स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल पैदा कर दिया है। विशेषज्ञों ने सतर्कता बरतने की सलाह दी है और सरकार भी स्थिति पर निगरानी बनाए हुए है।