Bihar: IRCTC घोटाले में 5 अगस्त को कोर्ट सुनाएगी फैसला, लालू-राबड़ी समेत 5 लोग हैं आरोपी

Neelam
By Neelam
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भारतीय रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (IRCTC) घोटाला मामले में दिल्ली की एक स्थानीय कोर्ट आज आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, रबड़ी देवी और तेजस्वी यादव के खिलाफ आरोप तय करने वाली थी। हालांकि अब यह मामला 5 अगस्त तक टल गया है। राऊज एवेन्यू कोर्ट इस मामले में अब 5 अगस्त को फैसला सुनाएगी। 

इससे पहले सीबीआई के विशेष जज विशाल गोगने ने जांच एजेंसी और आरोपियों के वकीलों की रोजाना सुनवाई के आधार पर दलीलें सुनने के बाद 29 मई को सुनवाई पूरी कर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। सीबीआई ने पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव, पूर्व मंत्री प्रेमचंद गुप्ता और अन्य आरोपियों के खिलाफ आरोपों पर एक मार्च को अपनी बहस पूरी कर ली थी। इस मामले में 14 आरोपी हैं।

क्या है पूरा मामला?

यह घोटाला IRCTC के अंतर्गत रांची और पुरी स्थित दो बीएनआर होटलों की लीज प्रक्रिया से जुड़ा है। आरोप है कि इन होटलों के रखरखाव और संचालन के लिए टेंडर प्रक्रिया में कई गंभीर अनियमितताएं की गईं। टेंडर मेसर्स सुजाता होटल्स को दिया गया, जो कि कोचर बंधुओं की स्वामित्व वाली कंपनी है। सीबीआई  के अनुसार, इस टेंडर प्रक्रिया को उस समय IRCTC के प्रबंध निदेशक पी.के. गोयल ने पूरा किया। इस सौदे के पीछे कथित रूप से लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार को लाभ पहुंचाया गया।

1.47 करोड़ में बेची थी जमीन

सीबीआई की जांच में सामने आया है कि 2005-06 के दौरान, इन होटलों की लीज के बदले लालू प्रसाद यादव के परिवार को पटना की प्रमुख लोकेशन बेली रोड पर स्थित लगभग तीन एकड़ कृषि भूमि मिली। यह जमीन कोचर बंधुओं ने सरला गुप्ता की कंपनी डिलाइट मार्केटिंग कंपनी लिमिटेड (DMCL) को महज 1.47 करोड़ रुपये में बेची थी। उसी दिन रेलवे बोर्ड ने इन होटलों को IRCTC को ट्रांसफर करने का फैसला लिया था। इसके बाद यह जमीन लालू परिवार की कंपनी ‘लारा प्रोजेक्ट्स’ को मात्र 65 लाख रुपये में ट्रांसफर कर दी गई, जबकि उस समय सर्किल रेट के अनुसार इसकी कीमत 32 करोड़ रुपये और बाजार मूल्य लगभग 94 करोड़ रुपये आंका गया था।

आरोप तय होने पर मिल सकती है 7 साल की सजा

बता दें कि ट्रायल के दौरान अगर CBI की तरफ से अदालत में पर्याप्त सबूत और गवाह प्रस्तुत किए गए होंगे तो आरोपी को 7 साल तक की सजा मिल सकती है। इस मामले में तेजस्वी यादव भी संकट के घेरे में फंस सकते हैं। जान लें कि इस मामले में लालू प्रसाद यादव साल 2019 से जमानत पर हैं।

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