मिरर मीडिया : मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत लोन के लिए प्राप्त आवेदन और प्रोजेक्ट रिपोर्ट की सूक्ष्मता से जांच करें। योजना का उद्देश्य लोगों को स्वरोजगार से जोड़कर उनको आत्मनिर्भर बनाना है। उपरोक्त बातें उपायुक्त संदीप सिंह ने आज अपने कार्यालय कक्ष में मुख्यमंत्री स्वरोजगार सृजन योजना के लिए प्राप्त आवेदनों की समीक्षा करते हुए कही।
उन्होंने कहा आवेदनों के साथ संलग्न जाति, आवास, आय सहित अन्य प्रमाण पत्र को पोर्टल पर वेरीफाई करें। लोन निष्पादित करने से पूर्व चार्टर्ड एकाउंटेंट की रिपोर्ट तथा करारनामा (अग्रीमेंट) के नियम एवं शर्तों की भी सूक्ष्मता से जांच करें।
उल्लेखनीय है कि झारखंड सरकार द्वारा युवाओं को रोजगार प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना का आरंभ किया गया है। इस योजना के माध्यम से झारखंड के युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने का प्रयास करना है। ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्र के नागरिकों को स्वरोजगार प्रदान करने के लिए 25 लाख रुपए तक का ऋण कम ब्याज पर प्रदान किया जाएगा। योजना के अंतर्गत सरकार द्वारा 40% तक का अनुदान भी प्रदान किया जाएगा। अनुदान की अधिकतम राशि 5 लाख रुपए है। योजना का लाभ अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यक, पिछड़ा वर्ग तथा सखि मंडल की दीदियां उठा सकती हैं। योजना के अंतर्गत ₹50000 तक के ऋण पर कोई भी गारंटी देने की आवश्यकता नहीं है। इस योजना का लाभ उठाने के लिए परिवार की वार्षिक आय 5 लाख रुपए या फिर उससे कम होनी चाहिए।
बैठक में उपायुक्त संदीप सिंह, निदेशक एनईपी इंदु रानी, निदेशक डीआरडीए मुमताज अली, डीटीओ ओम प्रकाश यादव, एलडीएम नकुल साहू मौजूद थे।