भारत में पहली डिजिटल जनगणना 2027 में : दो चरणों में पूरी आबादी की होगी गिनती

KK Sagar
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📰 भारत की पहली डिजिटल जनगणना 2027 को मिली मंज़ूरी

केंद्र सरकार ने शुक्रवार को 11,718.24 करोड़ रुपये की लागत से होने वाली भारत की जनगणना 2027 के प्रस्ताव को मंज़ूरी दे दी है। यह दुनिया की सबसे बड़ी प्रशासनिक और सांख्यिकीय कवायद मानी जाती है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि यह आज़ादी के बाद आठवीं और संपूर्ण रूप से सोलहवीं जनगणना होगी।

📱 पहली बार पूरी तरह डिजिटल जनगणना

मंत्री वैष्णव ने कहा कि यह जनगणना पूरी तरह डिजिटल होगी।

डेटा कलेक्शन मोबाइल ऐप से होगा

सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए डिजिटल डिज़ाइन तैयार किया गया है

रियल-टाइम मॉनिटरिंग के लिए Census Management & Monitoring System (CMMS) पोर्टल बनाया गया है

जनता को स्वयं की गिनती करने का विकल्प भी दिया जाएगा

📅 जनगणना दो चरणों में ऐसे होगी

1️⃣ हाउसलिस्टिंग और हाउसिंग सेंसस — अप्रैल से सितंबर 2026
2️⃣ पॉपुलेशन एन्यूमरेशन (PE) — फरवरी 2027

⛄ विशेष क्षेत्र (UT लद्दाख, J&K के बर्फीले इलाके, हिमाचल और उत्तराखंड):

यहाँ PE सितंबर 2026 में होगी।

👥 30 लाख फील्ड कर्मचारी होंगे शामिल

लगभग 30 लाख एन्यूमरेटर और सुपरवाइजर इस राष्ट्रीय महत्व के कार्य को पूरा करेंगे।

एन्यूमरेटर अधिकतर सरकारी शिक्षक होंगे

राज्य सरकारें अन्य ज़रूरी स्टाफ की नियुक्ति करेंगी

🗺️ जनगणना 2027 की नई डिजिटल पहल

HLB Creator Web Map Application: घरों की सूची तैयार करने में मदद

डेटा मोबाइल ऐप (Android + iOS)

एक क्लिक पर नीति-निर्माण के लिए उपलब्ध Census-as-a-Service (CaaS)

मशीन-रीडेबल फॉर्मेट में डेटा

बड़े स्तर पर पब्लिसिटी और जन-जागरूकता अभियान

🔍 जाति आधारित गणना भी शामिल

कैबिनेट कमिटी ऑन पॉलिटिकल अफेयर्स (CCPA) ने 30 अप्रैल को अपनी बैठक में फैसला किया था कि सेंसस 2027 में जाति की गिनती भी शामिल की जाएगी।

🏠 हर घर पहुंचेगी जनगणना टीम

जनगणना प्रक्रिया में हर घर जाकर

हाउसलिस्टिंग डेटा

और जनसंख्या संबंधी जानकारी
अलग-अलग प्रश्नों के साथ जुटाई जाएगी।

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