मिरर मीडिया धनबाद : ED की कार्रवाई लगातार जारी है। आईएएस पूजा सिंघल के खिलाफ ईडी ने जब शिकंजा कैसा तो कई सारे राज से पर्दे उठने लगे हैं साथ ही कई सारे नाम अब धीरे धीरे उजागर हो रहें हैं। इसी क्रम में झारखंड राज्य के चार जिले धनबाद, बोकारो, हजारीबाग और रामगढ़ में संगठित गिरोह द्वारा कोयले का अवैध ट्रेडिंग और अवैध बालू खनन के बड़े पैमाने पर चल रहें खेल की जानकारी जांच एजेंसियों को मिलने के बाद अब जेएसएमडीसी (झारखंड राज्य खनिज विकास निगम) के भ्रष्ट अधिकारियों, कॉन्ट्रैक्ट कर्मियों पर ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) की नजर है। लिहाजा इस गोरखधंधे में इस कई लोगों की गर्दन फ़ंसनी तय है।
सूत्रों कि माने तो इन चार जिलों में तक़रीबन पांच लाख टन कोयला की ट्रेडिंग प्रति वर्ष होती है। जांच एजेंसियों को यह पता चला है की चार जिलों के फैक्ट्रियों को चलाने के लिए जिस कोयले की ट्रेडिंग हो रही इसमें ज्यादातर फैक्ट्रियां बंद पड़ी हुई है। इतना ही नहीं इससे सम्बंधित संगठित गिरोह द्वारा जेएसएमडीसी के कुछ अधिकारियों से सांठगांठ कर फैक्ट्रियों में उपयोग होने वाली कोयले को बनारस और डिहरी की मंडियों में भी ख़फ़ा कर दोगुना मुनाफा कमा रहे हैं।
खबर के अनुसार कोयले की काली दुनिया में उमेश सिंह नामक शख्स पिछले 20 वर्षों से जेएसएमडीसी में अड्डा जमाए हुए हैं। इनके साथ गिरोह में निगम के महाप्रबंधक माइंस उत्तम विश्वास का भी नाम जुड़ा है। सूत्रों की माने तो माइंस एजेंट उमेश सिंह और कॉन्ट्रैक्ट कर्मी मिलकर जेएसएमडीसी में खुद का सिंडिकेट चलाते हैं। बताते हैं कि इन्ही के इसरों पर राज्य के आधा दर्जन जिलों में कोयले की अवैध ट्रेडिंग। इस खेल में कई डीएमओ, डीडीएम और माइंस के जीएम की संलिप्तता होना कोई दो राय नहीं है।