धनबाद, डिगवाडीह – पूरे कोयलांचल में प्रसिद्ध डिगवाडीह गणेश पूजा महोत्सव इस वर्ष अपने 37वें संस्करण में भव्यता की नई ऊँचाई छूने जा रहा है। बुधवार को गणेश पूजा कमिटी के सदस्यों ने विधिवत भूमि पूजन कर कार्यक्रम की तैयारियों की शुरुआत की। यह आयोजन 27 अगस्त से आरंभ होकर 14 सितंबर तक चलेगा।
🌺 भूमि पूजन में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
डिगवाडीह मैदान में आयोजित भूमि पूजन कार्यक्रम में समिति के अध्यक्ष जगजीवन राम, कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. मनोज कुमार ठाकुर, सचिव मोहन यादव, दिनेश यादव, उत्सव राम, अवध बिहारी राम समेत बड़ी संख्या में स्थानीय लोग उपस्थित रहे।
पुजारी संजय पांडेय ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ भूमि की पूजा कर धर्म ध्वजा फहराई।
🎡 मेला और झूले होंगे खास आकर्षण
डॉ. मनोज कुमार ठाकुर ने बताया कि इस वर्ष का महोत्सव कई विशेषताओं से भरा होगा। पूजा के दौरान झूलों का मेला, सांस्कृतिक कार्यक्रम, भजन संध्या और स्थानीय प्रतिभाओं की प्रस्तुति आयोजन को और भी भव्य बनाएगी।
🙏 एक गजराज से शुरू हुई आस्था की परंपरा
डिगवाडीह गणेश पूजा की शुरुआत एक अनोखे प्रसंग से हुई थी। कई साल पहले यहां एक सर्कस आया था, जिसमें एक गजराज (हाथी) की मृत्यु हो गई। श्रद्धांजलि स्वरूप उसे डिगवाडीह मैदान में दफनाया गया।
इसके कुछ समय बाद मिक्चर विक्रेता मुकेश अग्रवाल को सपने में गणपति बप्पा ने दर्शन दिए और उसी स्थान पर पूजा-अर्चना करने का निर्देश मिला। उन्होंने एक कैलेंडर के चित्र के सामने पूजा शुरू की, जो धीरे-धीरे एक विशाल आयोजन में बदल गया।
आज यह महोत्सव न केवल धनबाद बल्कि झारखंड के प्रमुख धार्मिक आयोजनों में से एक बन गया है, जिसमें हजारों श्रद्धालु हर साल शामिल होते हैं।