मिरर मीडिया : सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद शिवशंकर शर्मा की याचिका की मेंटेनेबिलिटी पर बुधवार को करीब 4 घंटे तक झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। सबसे पहले राज्य सरकार का पक्ष रखते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कई दलीलें पेश की।
जबकि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के व्यक्तिगत वकील, वरीय अधिवक्ता मुकुल रोहतगी पक्ष रखे। इसके अलावा सुनवाई में सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया तुषार मेहता ने भी पक्ष रखे। दोनों पक्ष को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रखा है। शुक्रवार को यानि 3 जून को इसपर फैसला आएगा।
आपको बता दें कि झारखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन और जस्टिस सूजीत नारायण प्रसाद की अदालत में मनरेगा घोटाले और अवैध माइनिंग से आए पैसे को शेल कंपनियों के नाम से खर्च करने के मामले पर भी सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद तीनों याचिकाओं के मेरिट पर सुनवाई हुई।
दरअसल सर्वोच्च न्यायालय ने 24 मई को हुई सुनवाई में मामले को लेकर झारखंड हाईकोर्ट को अधिकृत किया है।आज की सुनवाई के दौरान मनरेगा घोटाले और मुख्यमंत्री से जुड़े खनन माइनिंग लीज आवंटन को अलग रखा गया था, आज केवल मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनके करीबियों से जुड़े सेल कंपनी मामले में सुनवाई हुई।