रेल भवन में गूंजे ट्रैक मेंटेनरों के मुद्दे, AIRF (एआईआरएफ) ने रखा मजबूत पक्ष

KK Sagar
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धनबाद। रेलवे बोर्ड के साथ ऑल इंडिया रेलवेमेंस फेडरेशन की दो दिवसीय पीएनएम बैठक रेल भवन, नई दिल्ली में प्रारंभ हुई। बैठक में रेलकर्मियों की ओर से नेतृत्व एआईआरएफ के महामंत्री शिव गोपाल मिश्रा कर रहे हैं तथा ईसीआरकेयू की ओर से महामंत्री एस एन पी श्रीवास्तव, कार्यकारी अध्यक्ष एस एस डी मिश्रा और धनबाद मंडल से अपर महामंत्री मो ज़्याऊद्दीन भाग ले रहे हैं। प्रशासनिक पक्ष की अध्यक्षता रेलवे बोर्ड के चेयरमैन सतीश कुमार ने की।

बैठक के पहले दिन ही कॉम मिश्रा ने ट्रैक मेंटेनर की विभिन्न समस्याओं को जोरदार ढंग से उठाया। उन्होंने बताया कि फेडरेशन कई वर्षों से ट्रैक मेंटेनर की समस्याएं प्रशासन के समक्ष रखता आ रहा है, लेकिन अब तक सरकार और रेल मंत्रालय की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है, जो बेहद अफसोसनाक है। उन्होंने ट्रैक मेंटेनर की निम्नलिखित मांगों को विस्तार से रखा:

  1. कीमैन की कार्य प्रणाली का आधुनिकीकरण किया जाए।
  2. सुरक्षा के दृष्टिकोण से पी वे मैन्युअल में आवश्यक संशोधन किए जाएं।
  3. कार्य के दौरान ट्रेन से रन ओवर से बचाव के लिए रक्षक उपकरणों की आपूर्ति हो।
  4. कीमैन के मेडिकल मानकों को अपग्रेड कर A-3 या इससे ऊपर किया जाए।
  5. गेटमैन की तरह कीमैन को अतिरिक्त रिस्क अलाउंस दिया जाए।
  6. सामान्य रूप से कार्य बीट 3 किमी और घुमावदार, गार्डर ब्रिज, कटिंग क्षेत्र में 2 किमी तक सीमित किया जाए।
  7. त्वरित कार्रवाई हेतु दिए गए उपकरणों का वजन कम किया जाए।
  8. जिम्मेदार कार्य करने वाले ट्रैकमैन को 4200 ग्रेड पे दिया जाए।
  9. नई कार्य प्रणाली लागू करने से पूर्व प्रशिक्षण दिया जाए।
  10. व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों की नियमित आपूर्ति सुनिश्चित की जाए।
  11. रात्रि ड्यूटी और कोहरे के समय विशेष संरक्षा उपकरण उपलब्ध कराए जाएं।
  12. 12 घंटे की ट्रैक ड्यूटी में संशोधन किया जाए।
  13. दो पेट्रोल मैन को एक साथ ड्यूटी दी जाए।
  14. ट्रैकमैन की कार्य परिस्थितियों में सुधार किया जाए।
  15. मेट और कीमैन की ड्यूटी तय करते समय वरिष्ठता का ध्यान रखा जाए।
  16. 16 प्रतिशत ट्रैकमैन से निर्धारित ड्यूटी के बजाय अन्य कार्यस्थलों पर तैनाती रेलवे बोर्ड के निर्देशों का उल्लंघन है। इस पर रोक लगाकर लाइन में कार्यरत ट्रैकमैन पर बोझ कम किया जाए।

इसके अतिरिक्त जोखिम भरे कार्यों के लिए रिस्क अलाउंस, रनिंग स्टाफ के किलोमीटर अलाउंस में 25% वृद्धि, तथा सिगनल स्टाफ के लिए कार्य रोस्टर आदि पर भी चर्चा जारी है।

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