इंडस्ट्रियल कॉरिडोर हेतु भूमि का किया जा रहा है चयन
प्रत्येक सप्ताह के सोमवार एवं बुधवार को कर्मचारी रहेंगे तहसील कचहरी में उपलब्ध
आमजन से प्राप्त आवेदन एवं शिकायतों को किया जाएगा ट्रैक – उपायुक्त
झारभूमि पर दर्ज त्रुटियों में किया जाएगा सुधार
मिरर मीडिया : उपायुक्त की अध्यक्षता में शनिवार को समाहरणालय के सभागार में आयोजित बैठक में राजस्व विभाग से संबंधित कार्यों की समीक्षा की गई। उपायुक्त ने बताया कि जिला अंतर्गत इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के निर्माण हेतु लगभग 500 एकड़ भूमि की आवश्यकता है। इसके लिए सभी अंचल अधिकारियों, अपर समाहर्ता एवं अन्य संबंधित पदाधिकारियों को इसे प्राथमिकता रखते हुए भूमि चिन्हित कर रविवार की शाम तक प्रतिवेदन समर्पित करने का निर्देश दिया है।
उन्होंने सभी अंचल अधिकारियों को गैरमजरूआ भूमि तथा जल संसाधनों पर अतिक्रमण से संबंधित विवरण तैयार कर बीपीएलई एक्ट के तहत नियमानुसार कार्रवाई सुनिश्चित करने तथा अनुमंडल पदाधिकारी एवं अपर समाहर्ता को इसकी मॉनिटरिंग करने का निर्देश दिया।बैठक में उपायुक्त द्वारा निर्देश दिया गया कि राजस्व कर्मचारी प्रत्येक सप्ताह के सोमवार एवं बुधवार को तहसील कचहरी में उपलब्ध रहना सुनिश्चित करेंगे। जिन क्षेत्रों में तहसील कचहरी का कार्यालय अवस्थित नहीं है, वहां पंचायत भवन में अथवा अन्य किसी चिन्हित स्थान पर आमजनों की सुविधा हेतु कर्मचारी उपस्थित रहना सुनिश्चित करेंगे।
बैठक के दौरान उन्होंने सभी उपस्थित पदाधिकारियों को यह निर्देश दिया कि, आमजन जब कोई शिकायत, सुझाव या आवेदन लेकर उनके कार्यालय में आते हैं, तो आवेदक को उसकी पावती उपलब्ध कराएं। आने वाले लोगों को विजिटर स्लिप उपलब्ध कराएं। उनके स्लिप पर टोकन संख्या दें। जिससे आवेदन की स्थिति को प्राप्त किया जा सके। हर माह के 5 तारीख तक पिछले माह में प्राप्त हुए शिकायतों एवं उसके अनुपालन से संबंधित प्रतिवेदन समर्पित करें।
उन्होंने कहा कि कतिपय कारणों से जमीन से संबंधित ऑनलाइन विवरणी में त्रुटियां रह जाती है। जिससे लोगों को कई प्रकार की समस्याएं आती है। इस संबंध में अपर समाहर्ता धनबाद को हर अंचल के एक-एक मौजा को सैंपल बनाकर त्रुटियों का असेसमेंट करने का निर्देश दिया। ताकि योजनाबद्ध तरीके से सभी त्रुटियों का निराकरण किया जा सके।
बैठक में भूमि के डिजिटलीकरण, गैरमजरूआ भूमि पर बोर्ड अधिष्ठापन, एनजीडीआरएस पोर्टल में प्रतिबंधित भूमि की प्रविष्टि, दखल कब्जा निर्धारण प्रक्रिया, लंबित अवैध जमाबंदी, दाखिल खारिज, लगान रसीद, भूमि सीमांकन, रेवेन्यू कोर्ट मैनेजमेंट सिस्टम, एफएआर तथा पीएम किसान इत्यादि की अंचल वार समीक्षा की गई।
बैठक में उपायुक्त, अपर समाहर्ता, भूमि सुधार उप समाहर्ता, अनुमंडल पदाधिकारी, सभी अंचलों के अंचलाधिकारी, गोविंदपुर एवं धनबाद के सब रजिस्टार, जिला आपदा प्रबंधन पदाधिकारी तथा डीपीएमयू के पदाधिकारी उपस्थित रहे।