मिरर मीडिया : धनबाद जिला परिषद की बैठक आज काफी हंगामेदार रही। जबकि इस दौरान वहां मौजूद सदस्य काफी आक्रोशित और उग्र दिखें। दरअसल सदस्यों का कहना था कि वे लोग जनप्रतिनिधि हैं जनता की समस्याओं का समाधान नहीं होने के कारण उन्हें जनता को जवाब देना पड़ता है।
हालांकि समस्याओं का समाधान नहीं होने के कारण लोगों में आक्रोश होना वाज़िब है। वहीं सदस्यों का आरोप था कि हर 3 महीने पर बैठक होनी चाहिए लेकिन बैठक होती नहीं है। बोर्ड की बैठक के लिए पहले से तिथि निर्धारित होती है, समय का निर्धारण पहले किया जाता है। एजेंडा निर्धारित की जाती है। ऐसे में अगर जल्दी बाजी में बोर्ड की बैठक होगी तो न सदस्य अपनी बात रख पाएंगे और ना कोई निर्णय हो सकता है।
वहीं अध्यक्ष शारदा सिंह ने बताया कि ग्रामीण इलाकों में पेयजल की समस्या काफी विकराल है सदस्यों ने पेयजल सहित अन्य मुद्दों को रखा है।
ग्रामीणों की जो समस्या है उसे त्वरित निष्पादन करने का प्रयास किया जाएगा। जिला परिषद के अपने अभियंता हो इस मामले पर भी चर्चा की गई।
हालांकि समस्याओं का निदान कब और कैसे होगा इसका जवाब किसी के पास नही था। जिसके बाद सदस्यों ने कहा कि या तो वो सामूहिक रुप से जिला परिषद के सामने धरना देंगे अथवा सामूहिक शिकायती पत्र लेकर मुख्यमंत्री के पास जाएंगे। अब यह समय ही तय करेगा कि कितनी जल्दी और कब समस्याओं का निष्पादन हो पाता है।