झारखंड में नई शिक्षा नीति के अनुरूप बदलेगा शिक्षक नियुक्ति का तरीका, “हाइस्कूल से प्लस टू तक अब एक ही कमान

KK Sagar
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शिक्षा के 5-3-3-4 युग में झारखंड का पहला कदम”

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत झारखंड सरकार स्कूली शिक्षा में बड़ा बदलाव करने जा रही है। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने हाइस्कूल और प्लस टू विद्यालयों में शिक्षक नियुक्ति नियमावली में संशोधन का प्रस्ताव तैयार किया है। अब दोनों स्तरों के लिए एक संयुक्त राज्यस्तरीय कैडर बनाया जाएगा और नियुक्ति के लिए एकल परीक्षा आयोजित की जाएगी।

नई शिक्षा नीति के अनुसार अब कक्षा 9वीं से 12वीं तक की पढ़ाई को एक इकाई माना गया है। इस कारण अब अलग-अलग शिक्षक नहीं, बल्कि एक ही शिक्षक इस पूरे स्तर पर पढ़ाएगा। वर्तमान में राज्य में हाइस्कूल के लिए स्नातक प्रशिक्षित और प्लस टू के लिए स्नातकोत्तर प्रशिक्षित शिक्षकों की नियुक्ति होती थी, लेकिन अब केवल स्नातकोत्तर प्रशिक्षित शिक्षकों की ही नियुक्ति होगी।

राज्य सरकार की योजना के अनुसार आने वाले वर्षों में अधिकांश हाइस्कूलों को प्लस टू विद्यालयों में अपग्रेड किया जाएगा, जिससे 9वीं से 12वीं तक की पढ़ाई एक साथ संचालित की जा सके। वर्तमान में राज्य में 810 प्लस टू विद्यालय हैं, जिनमें से 510 में ही शिक्षकों के पद सृजित हैं। इनमें से 59 विद्यालय बिहार के एकीकृत समय के हैं और शेष को झारखंड राज्य गठन के बाद अपग्रेड किया गया है।

नई नियमावली के तहत “माध्यमिक आचार्य” का नया पद सृजित किया जाएगा और शिक्षकों के वेतनमान का पुनर्निर्धारण भी किया जाएगा। इस कदम से शिक्षा व्यवस्था को अधिक संगठित, समान और गुणवत्तापूर्ण बनाने की दिशा में राज्य ने एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया है।

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