कोविड टीका नहीं लेने वाले विद्यार्थियों को स्कूल आने से वंचित रखने पर संघ की शिकायत, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने लिया संज्ञान

Anupam Kumar
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जमशेदपुर। किसी कारणवश टीका नहीं लेने वाले विद्यार्थियों को ऑफलाईन क्लास के लिए स्कूल आने से नहीं रोका जा सकेगा। 15 से 18 आयु वर्ष के बच्चों को कोविड टीका नहीं लेने पर वैसे बच्चों को अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा स्कूल में इंट्री नहीं देने का आदेश दिया गया था। जिसको लेकर जमशेदपुर अभिभावक संघ ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग, नई दिल्ली और राज्य के मुख्यमंत्री को मांग पत्र भेजकर ऐसे आदेश पर रोक लगाने कि मांग की थी। संघ ने पत्र के माध्यम से कहा कि केंद्र सरकार सर्वोच्च न्यायालय को पहले ही बता चुकी है कि कोविड टीका अनिवार्य नहीं है। यानी वैक्सीनेशन व्यक्ति के विवेक पर निर्भर करता है। ऐसे में जबकि आयुष मंत्रालय भारत सरकार ने कोरोना वायरस के संबंध में होमियोपैथिक दवा के नाम बताएं है अभिभावक अपने बच्चे को वैक्सीन या फिर उसके जगह होमियोपैथिक दवा भी देंगे यह उनके विवेक पर निर्भर करता है। बावजूद अनुमंडल पदाधिकारी का बिना वैक्सीनेशन का स्कूल में इंट्री नहीं देने का आदेश देकर उनके शिक्षा पाने के संवैधानिक अधिकार से वंचित करना है। जिसके बाद राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग, नई दिल्ली ने संघ के शिकायत पत्र पर संज्ञान लेते हुए स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव व पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त पूर्वी सिंहभूम को पत्र के माध्यम से शिकायत पर सीधी सूचना के तहत उचित कार्रवाई कर मामले के निपटारे के आदेश दिए हैं।

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