मिरर मीडिया : ओड़िशा के बालासोर में हुई बड़ी रेल दुर्घटना को धीरे – धीरे सामान्य करने में मंत्री, अधिकारी, कर्मी से लेकर स्थानीय भी जुटे हुए है। ओडिशा के बालासोर में हुए भीषण रेल हादसे के 51 घंटे बाद रविवार की रात करीब 10 बजकर 40 मिनट पर पहली ट्रेन रवाना हुई।
बोलते बोलते जब रो पड़े रेल मंत्री…
इधर रविवार देर रात बात करते हुए केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि उनका मकसद यह तय करना है कि ओडिशा ट्रेन हादसे में लापता लोगों को उनके परिवार के सदस्य जल्द-से-जल्द ढूंढ सकें। वैष्णव ने कहा कि उनकी जिम्मेदारी अभी खत्म नहीं हुई है। रेल मंत्री इस दौरान बात करते हुए भावुक नजर आए और रो पड़े।
बता दें कि हादसे में 275 यात्रियों की मौत हुई है। वहीं, 1000 से अधिक जख्मी हैं, जिनमें से 56 की हालत गंभीर है। रेलवे ने ओडिशा ट्रेन हादसे में चालक की गलती और प्रणाली की खराबी की संभावना से इनकार किया तथा संभावित ‘तोड़फोड़’ और ‘इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग’ प्रणाली से छेड़छाड़ का संकेत दिया। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि दुर्घटना के ‘असल कारण’ का पता लगा लिया गया है और इसके लिए जिम्मेदार ‘अपराधियों’ की पहचान कर ली गई है।
बालासोर जिले में दुर्घटनास्थल पर उन्होंने कहा कि ‘यह दुर्घटना इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग और प्वॉइंट मशीन में किए गए बदलाव के कारण हुआ। इसमें छेड़छाड़ किए जाने की संभावना के संकेत के साथ उल्लेख किया गया कि सिग्नल ‘दिया गया था और ट्रेन संख्या 12841 कोरोमंडल एक्सप्रेस को अप मेन लाइन के लिए रवाना किया गया था, लेकिन ट्रेन अप लूप लाइन में प्रवेश कर गई और लूपलाइन पर खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई तथा पटरी से उतर गई। इस बीच, ट्रेन संख्या 12864 बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस डाउन मेन लाइन से गुजरी और उसके दो डिब्बे पटरी से उतर गए तथा पलट गए।
कोरोमंडल एक्सप्रेस के चालक को भी यह कहकर क्लीन चिट दे दी कि उसके पास आगे बढ़ने के लिए हरी झंडी थी और वह अनुमानित गति से अधिक रफ्तार में ट्रेन को नहीं चला रहा था। हादसे से संबंधित एक प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में कहा गया कि कोरोमंडल एक्सप्रेस स्टेशन पर लूप लाइन में प्रवेश कर गई जिस पर लौह अयस्क से लदी एक मालगाड़ी खड़ी थी।