संवाददाता, हजारीबाग: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के खिलाफ देशभर में आक्रोश की लहर है, और इसी कड़ी में झारखंड के हजारीबाग शहर ने आज एकता और देशभक्ति की मिसाल पेश की। आतंकवाद के खिलाफ आवाज़ बुलंद करने के लिए शहर के हिंदू और मुस्लिम समुदाय के लोग एक मंच पर आ गए। झंडा चौक से लेकर नया मोड़ तक गूंजे ‘भारत माता की जय’ और ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’ के नारे।
सुबह से ही शहर के प्रमुख बाजारों में सन्नाटा पसरा रहा। दुकानदारों ने स्वेच्छा से अपने प्रतिष्ठान बंद रखे और आतंकवाद के खिलाफ शांतिपूर्ण विरोध दर्ज कराया। खास बात यह रही कि इस विरोध में हर धर्म और वर्ग के लोगों ने बिना किसी भेदभाव के हिस्सा लिया, जो हजारीबाग की गंगा-जमुनी तहज़ीब की एक बेमिसाल तस्वीर बनकर उभरी।

व्यापार मंडल से जुड़े नेताओं ने कहा कि जब देश पर हमला होता है, तो हर नागरिक का कर्तव्य है कि वह एकजुट होकर उसका विरोध करे। लोगों ने केंद्र सरकार से मांग की कि इस हमले में शामिल आतंकियों और उनके सरपरस्तों को जल्द से जल्द कठोर सजा दी जाए।
एक स्थानीय मुस्लिम व्यवसायी ने कहा, “आतंकवाद का कोई मजहब नहीं होता। देश के निर्दोष नागरिकों की हत्या करने वालों के लिए हमारे दिल में कोई जगह नहीं है। हम अपने हिंदू भाइयों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं।”
हजारीबाग में आज सिर्फ बाजार ही नहीं, बल्कि एकजुटता और देशप्रेम की भावना भी पूरी तरह से सक्रिय रही। इस बंद ने यह साबित कर दिया कि भारत की असली ताकत उसकी एकता में है – वो चाहे किसी आतंकी हमले का जवाब हो या किसी दुश्मन की चुनौती।