हजारीबाग। डिजिटल युग में साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहा है। आए दिन बैंक खाते से पैसे गायब होने या ऑनलाइन ठगी की घटनाएं सामने आती रहती हैं। ऐसे माहौल में हजारीबाग के युवा साइबर विशेषज्ञ सौरभ विश्वकर्मा ने लोगों को जागरूक करने की अनोखी पहल शुरू की है।
अमेरिका से पढ़ाई के बाद लौटे अपने शहर
सौरभ ने अमेरिका से साइबर सिक्योरिटी में उच्च शिक्षा प्राप्त की है और कई अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों में काम किया है। अब उन्होंने अपने गृहनगर हजारीबाग में साइबर सुरक्षा जागरूकता अभियान की शुरुआत की है। वह विशेष रूप से मोबाइल हाइजीन पर काम कर रहे हैं, जिसे वह साइबर अपराध से बचाव की नवीनतम तकनीक बताते हैं।
क्या है मोबाइल हाइजीन?
सौरभ के मुताबिक, जैसे शरीर और घर की स्वच्छता जरूरी है, वैसे ही स्मार्टफोन की भी सफाई और सुरक्षा बेहद जरूरी है। मोबाइल में छिपे हानिकारक ऐप, वायरस और मैलवेयर साइबर अपराधियों को मौका देते हैं। इन्हें समय-समय पर हटाकर फोन को सुरक्षित बनाना ही मोबाइल हाइजीन कहलाता है।
अनमास्क्ड साइबर सिक्योरिटी कंसल्टेंसी की स्थापना
सौरभ ने अनमास्क्ड साइबर सिक्योरिटी कंसल्टेंसी (UCC) की स्थापना की है। उनका कहना है कि आज स्मार्टफोन हर किसी के हाथ में है और यही सबसे बड़ा साइबर खतरे का जरिया भी है। सही तरीके से मोबाइल हाइजीन अपनाने से ऑनलाइन ठगी और साइबर हमलों का खतरा काफी हद तक कम किया जा सकता है।
कानूनी सहयोग भी
उनकी सहयोगी शम्पा बाला, जो कानूनी सलाहकार हैं, बताती हैं कि इस दिशा में काम करने वाले लोग बेहद कम हैं, जबकि इसकी जरूरत हर किसी को है।
मोबाइल हाइजीन की प्रक्रिया
इस तकनीक के तहत फोन को लगभग तीन घंटे के लिए साइबर एक्सपर्ट के पास देना होता है। इस दौरान हानिकारक ऐप और मैलवेयर की पहचान कर उन्हें हटाया जाता है। इसके बाद अगले तीन महीने तक मोबाइल पर साइबर अटैक की संभावना बेहद कम हो जाती है। साथ ही लोगों को यह भी बताया जाता है कि भविष्य में इन खतरों से कैसे बचा जाए।
सौरभ की अपील
सौरभ का कहना है— “डिजिटल युग में सतर्कता ही सबसे बड़ा हथियार है। अगर लोग मोबाइल हाइजीन पर ध्यान दें, तो साइबर अपराध से आसानी से बचा जा सकता है।”