कहानी वही पर किरदार बदल गए : मेयर पद के लिए एससी उम्मीदवारों की घोषणा के बाद कइयों के अरमान टूट गए

mirrormedia
4 Min Read

धनबाद मेयर पद की सीट पहले अनारक्षित फिर महिला और अब एससी उम्मीदवारों का हो जाएगा

मिरर मीडिया : कहानी वही पर किरदार बदल जाएंगे अब धनबाद में मेयर पद के लिए दावा ठोंकने वाले चुपचाप ख़ामोश हो जाएंगे। जी हाँ धनबाद नगर निकाय चुनाव मैदान बदलते मौसम के साथ ऐसा बदला की कइयों का दिल तोड़ दिया है। यह अब ऐसे मोड़ पर आकर ठहर गया है जहाँ से और भी दिलचस्प होता जा रहा है फिल्मी ड्रामे की तरह लगातार इसके किरदार बदलते नजर आ रहे हैं।

आपको बता दें कि हाल ही में मेयर पद के लिए जनरल कोटे की घोषणा के बाद उम्मीदवारों की बाढ़ सी आ गई थी। जिसके बाद दावेदारी में चंद्र शेखर सिंह, शेखर अग्रवाल, चेतन गोयनका अंकेश राज, भ्रगुनाथ भगत, विजय झा, सिंह मेंशन से इंदु कुमारी सहित कई लोगों ने अपनी उम्मीदवारी ठोकी संबंध में कईयों ने प्रेस वार्ता भी किया लेकीन तत्काल महिला सीट आरक्षण की घोषणा के बाद सभी उम्मीदवारों ने अपनी पत्नियों को आगे कर दावेदारी ठोकी इस दौड़ में विधायक ढुल्लू महतो की पत्नी ने भी मेयर पद के लिए अपने को उम्मीदवार के रूप मे आगे किया।

पूर्व वियाडा अध्यक्ष विजय झा की पत्नी डॉ शिवानी झा के सीटी सेन्टर में कार्यालय भी खुल गए लोगों ने तैयारियां भी शुरू कर दी थी इसी बीच दिसंबर में होने वाले नगर निकाय चुनाव आरक्षण के मुद्दे को लेकर टाल दिया गया। जिसके बाद उम्मीदवार थोड़े शांत हुए लेकिन अपने अपने क्षेत्र के लोगों से मिलना जुलना शुरू कर दिए थे।

वहीं बुधवार को कैबिनेट की बैठक में मेयर पद के लिए एससी की घोषणा के बाद कईयों के अरमान टूट चुके हैं। दिनभर मेयर पद के लिए चर्चाओं का बाजार गर्म रहा अनुसूचित जाति एससी से अब मेयर प्रत्याशी के रूप में सामने आने लगे हैं, जिन्होंने मेयर बनने के लिए सपने देखे थे अब उनके सपने लगभग टूट चुके हैं अब एससी से संबंधित लोग मेयर पद के लिए दौड़ आगे आना शुरू कर दिए हैं।

बता दे कि राज्य सरकार ने रोस्टर सिस्टम के आधार पर नगर निकायों के एकल पदों के आरक्षण का नियम बदलने का निर्णय लिया है इस निर्णय को कैबिनेट की स्वीकृति भी मिल गई है नगर निकायों में 4 से 5 महीने में चुनाव होने के आसार है इसके लिए राज्य सरकार ने आबादी के आधार पर आरक्षण का सिद्धांत अपनाने का निर्णय लिया है जिस नगर निकाय क्षेत्र में जिस वर्ग की आबादी अधिक होगी उसे ही अध्यक्ष पद का हक मिलेगा इस प्रकार रांची और आदित्यपुर  जैसे निकाय में मेयर अथवा अध्यक्ष पद के लिए एसटी तो धनबाद के लिए एससी का आरक्षण हो जाएगा जबकि बोकारो और देवघर में सामान्य वर्ग के लिए मेयर का पद रहेगा। इसके लिए जनसंख्या अनुपात का अधिकृत तौर पर आकलन किया जाएगा आकलन का रिपोर्ट बनने के बाद ही सभी निकायों में अप्रैल या मई में चुनाव कराए जा सकते हैं।

बहरहाल कईयों के दिल के अरमा दिल में ही रह गए हैं और अब एक बार फिर एससी से प्रत्यासियों की मेयर बनने की होड़ मचनी शुरू हो गई है और लोग मुखर होकर सामने आने शुरू कर दिए हैं लेकिन फिर किसी तरह बदलाव न हो जाय यह सोचकर लोग फिलहाल अभी चुप है और वेट एंड वॉच की स्थिती में है।

Share This Article
Follow:
Mirror media digital laboratory Pvt. Ltd. Established February 2019. It is a Social Website channel Releted to News From all over india and Abroad with Reflection of truth. Mirror media is Connecting the people 24x7 and show all news and Views
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *