
धनबाद: बाल विवाह के खिलाफ 14 वर्षीय छात्रा ने बड़ा कदम उठाते हुए अपने माता-पिता के विरोध जाकर रांची चाइल्ड लाइन में इसकी शिकायत कर दी। उसे लगा कि माता-पिता की बात मानकर अगर उसने शादी कर ली, तो उसकी आगे की पढ़ाई रुक जायेगी। ऐसे में उसने परिवार से बगावत करना मुनासिब समझा।
मामला झरिया थाना क्षेत्र के कोइरीबांध का है। जहां नौवीं क्लास में पढ़नेवाली यह छात्रा अपने फैसले से आज समाज में उदाहरण बन गयी है।
बता दें कि छात्रा की शादी बुधवार को चंद्रपुरा के पहाड़ी मंदिर में बोकारो के 30 साल के युवक से होनेवाली थी, जब उसने अपनी शादी का विरोध किया, तो पहले उसके परिजनों ने दबाव बनाने की कोशिश की।जब छात्रा नहीं मानी और चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (सीडब्ल्यूसी) की मदद ली, तो परिजनों ने अपनी बेटी से मुंह मोड़ लिया।बताया जाता है कि छात्रा ने इसकी सूचना अपने किसी नजदीकी के माध्यम से रांची में चाइल्ड लाइन तक पहुंचा दी थी चाइल्ड लाइन की सूचना पर बुधवार को ठीक शादी से पहले सीडब्ल्यूसी की टीम ने झरिया थाना की मदद से बालिका का रेस्क्यू किया और अपने साथ ले आयी
फिलहाल छात्रा बालिका गृह में सीडब्ल्यूसी के संरक्षण में रखी गयी है सरकारी अधिकारी इस छात्रा के साहस की तारीफ कर रहे हैं।
वहीं, सीडब्ल्यूसी चेयरमैन उत्तम मुखर्जी को नाबालिग ने बताया कि वह आगे पढ़ना चाहती है। वह एक मेधावी छात्रा है, लेकिन परिजन उसकी शादी कराना चाहते हैं।
मुखर्जी ने बताया कि फिलहाल बच्ची का रेस्क्यू किया गया है। परिजनों की काउंसिलिंग की जायेगी, ताकि वे उसे फिर से अपना लें और उसे आगे पढ़ने दें।अगर परिजन नहीं मानेंगे, तो लड़की को आगे पढ़ाने की जिम्मेदारी सरकार उठायेगी।
सीडब्ल्यूसी के अनुसार, छात्रा की शादी बोकारो में तय थी।बुधवार को चंद्रपुरा स्थित पहाड़ी मंदिर शादी होनेवाली थी। जब रेस्क्यू टीम उसके कोइरीबांध स्थित घर पहुंची थी, तो परिजन शादी के लिए चंद्रपुरा निकलने वाले थे।हालांकि सीडब्ल्यूसी और चाइल्ड लाइन ने बैक प्लान भी तैयार रखा था।चंद्रपुरा पहाड़ी मंदिर में भी एक टीम पहुंची हुई थी।