मिरर मीडिया : मोदी सरकार द्वारा नोटबंदी के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने सही ठहराया है। सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यों की संविधान पीठ ने 4-1 के फैसले से नोटबंदी को सही माना है। कोर्ट ने कहा कि नोटबंदी की प्रक्रिया में गड़बड़ी नहीं हुई। ये फैसला लेने से पहले केंद्र सरकार और RBI के बीच विचार विमर्श हुआ था। हालांकि 5 जजों की इस बेंच में जस्टिस नागरत्ना ने अलग फैसला सुनाया है। इस मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मोदी सरकार की नोटबंदी को चुनौती देने वाली सभी 58 याचिकाओं को खारिज कर दिया। नोटबंदी के फैसले को सही ठहरातते हुए संविधान पीठ के जजों ने क्या कहा, ये हम आपको बताएंगे। इस बाबत सुप्रीम कोर्ट ने साफ-साफ कहा कि सुप्रीम कोर्ट और रिजर्व बैंक के बीच इस बारे में विचार विमर्श हुआ था, इसलिए इसे असंवैधानिक नहीं ठहराया जा सकता।
वहीं 5 जजों की बेंच में से जस्टिस नागरत्ना का फ़ैसला अलग है। इस संविधान पीठ की ओर से केवल जस्टिस नागरत्ना ने सरकार के इस फैसले को गलत बताया। उन्होंने अपने जजमेंट में कहा कि नोटबंदी को कानून के जरिए लागू करना चाहिए था नोटिफिकेशन के जरिए नहीं। जस्टिस नागरत्ना ने कहा, विमुद्रीकरण (नोटबंदी) की शुरुआत कानून के विपरीत और गैरकानूनी शक्ति का इस्तेमाल था। इतना ही नहीं यह अधिनियम और अध्यादेश भी गैरकानूनी थे। इसके चलते भारत के लोगों को कठिनाई से गुजरना पड़ा। हालांकि, इसे ध्यान में रखते हुए कि ये फैसला 2016 में हुआ था, ऐसे में इसे बदला नहीं जा सकता।

