जमशेदपुर। पिछले 22 सालों से बंद केबल कंपनी (इंकैब) के मुकदमे पर एक सर्वोच्च न्यायालय ने महत्वपूर्ण फैसला दिया है। सर्वोच्च न्यायालय के इस आदेश से एनसीएलटी द्वारा पूर्व में पारित किया गया कंपनी को नीलाम करने वाला आदेश निरस्त हो गया है। कंपनी को बेचने के लिए विज्ञापित किया गया प्रस्ताव भी निरर्थक हो गया है और कंपनी को नये सिरे से पुनर्जीवित करने और इसकी परिसंपत्तियों को राज्य हित में उपयोग करने का रास्ता खुल गया है।सर्वोच्च न्यायालय के इस निर्णय को एनसीएलटी द्वारा कंपनी को नीलामी पर चढ़ाने का निर्णय भी निरस्त हो गया है। अब इसका प्रबंधक समूह को बताना पड़ेगा कि कंपनी के ऊपर कुल देनदारी को उन्होंने 21 करोड़ से बढ़ा कर 2339 करोड़ रुपया कैसे कर दिया? देश में बदइंतजामी और प्रबंधकों की मिलीभगत के कारण एक सक्षम कंपनी के रुग्ण हो जाने और नीलामी के कगार पर पहुँच जाने का यह एक अनोखा उदाहरण है। सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय मजदूरों के हित में है और मजदूरों के हित की रक्षा करने के लिए राज्य की सरकार को आगे आना होगा।

