जमशेदपुर : ग्रामीण विकास विभाग, भारत सरकार के सचिव नगेन्द्र नाथ सिन्हा एनआरएलएम व रूर्बन मिशन के अंतर्गत गतिविधियों का जायजा लेने के उद्देश्य से दो दिवसीय झारखंड भ्रमण पर हैं। दौरे के प्रथम दिन आज उन्होंने पूर्वी सिंहभूम के घाटशिला प्रखंड पहुंचकर एनआरएलएम व रूर्बन मिशन की गतिविधियों का जायजा लिया। इस दौरान मनीष रंजन, सचिव ग्रामीण विकास विभाग, झारखण्ड, राजेश्वरी बी मनरेगा आयुक्त, झारखंड, जिला उपायुक्त सूरज कुमार, वरीय पुलिस अधीक्षक डॉ एम तमिल वणन, नैंसी सहाय सीईओ जेएसएलपीएस,झारखण्ड मौजूद रहीं। क्षेत्र भ्रमण कार्यक्रम के दौरान सबसे पहले उन्होंने घाटशिला प्रखंड के कशीदा पंचायत अंतर्गत तमकपाल में प्रधानमंत्री आवास के लाभुक कल्याणी पात्र का गृह प्रवेश कराते हुए उन्हें उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दी। मौके पर लाभुक को जिला प्रशासन की ओर से कुछ घरेलू उपयोग के सामान भी उपहार स्वरूप भेंट किया गया। भ्रमण के दौरान उन्होंने प्रखंड के काशीदा गांव की महिलाओं द्वारा संचालित पफ्ड राइस (मुड़ी) उत्पादन केंद्र पहुंचकर महिलाओं से उनके व्यवसाय की जानकारी ली। क्षेत्र भ्रमण के क्रम में उत्तर पावड़ा में श्यामा प्रसाद मुखर्जी अर्बन मिशन के तहत नव निर्मित मार्केट कॉम्प्लेक्स का भी निरीक्षण कर निर्माण कार्यों की जानकारी ली। काशीदा में समुदाय संचालित प्रशिक्षण केंद्र पहुंचकर उन्होंने जन-प्रतिनिधियों एवं संकुल संगठन की महिलाओं से बातचीत की। श्याम प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन के अंतर्गत चेंगजोड़ा गाँव में माझी रामदास टुडू विरासत पर्यटन स्थल का भी दौरा किया। उन्होंने कहा कि हेरिटेज विलेज में संथाली संस्कृति को ग्रामीण संस्कृति व ग्रामीण परिवेश के साथ जोड़कर विकास की परिकल्पना की गई है ताकि शहरी क्षेत्र के लोग पर्यटन के उद्देश्य से आएं तो वे ग्राम्य जीवन, यहां के जनजाति निवासी के खान पान का अनुभव कर सकें, सांस्कृतिक गतिविधि व उनकी कला तथा आर्किटेक्चर को जानें।

महिला उद्यमियों से मिलकर एक से ज्यादा आजीविका को अपनाने की दी सलाह
घाटशिला प्रखंड के काशीदा गांव में श्याम प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन के अंतर्गत पफ्ड राइस (मुड़ी) उत्पादन कर रही महिलाओं के उत्पादन केंद्र पहुंचे। महिलाओं से उनकी आजीविका की समस्त जानकारी लेते हुए उन्होंने उत्पादन प्रक्रिया से लेकर बिक्री तक की सारी प्रक्रियाओं को समझा। पलाश ब्रांड के अंतर्गत उत्पादित मुड़ी उत्पादन एवं महिलाओं की उद्यमिता को सराहते हुए उन्होंने स्थानीय उद्यमिता को बढ़ावा देने के निर्देश दिए।

समाज के आखिरी परिवार तक पहुंचे सरकारी योजनाओं का लाभ : सचिव
भ्रमण के दौरान CMTC सामुदायिक संचालित प्रशिक्षण केंद्र में एन. एन. सिन्हा, सचिव, ग्रामीण विकास मंत्रालय ने जन-प्रतिनिधियों व सखी मंडल की महिलाओं से बातचीत की। चर्चा के दौरान उन्होंने जन-प्रतिनिधियों व सखी मंडल की महिलाओं से गांवों में विकास की पहुंच को हर परिवार तक पहुंचाने का आह्वाहन किया। गांवों में स्वरोजगार के अवसरों को बढ़ाने पर ज़ोर देते हुए उन्होंने प्रतिनिधियों से सरकार की योजनाओं को हर ज़रूरतमंद तक पहुंचाने की बात कही। काशीदा संकुल संगठन की महिलाओं से बात करते हुए उन्होंने महिलाओं से उनके आजीविका के साधनों के बारे में जानकारी ली। महिलाओं से आजीविका मिशन के अंतर्गत प्राप्त होने वाले वित्तीय सहायता राशि व क्रेडिट लिंकेज के बारे में भी चर्चा करते हुए उन्होंने समूह के माध्यम से हरसंभव वित्तीय मदद प्राप्त कर अपनी आजीविका बढ़ाने की बात कही। काशीदा आजीविका संकुल संगठन की महिलाओं द्वारा किये जा रहे कार्यों की प्रशंसा करते हुए उन्होंने महिलाओं को दो से ज़्यादा आजीविका से जुड़ने की सलाह दी। बीमा कराएं अभियान के अंतर्गत उन्होंने संकुल संगठन की महिलाओं को अपने गाँवों में बीमा के प्रति जागरूकता बढ़ाने की बात कही। संकुल संगठन की महिलाओं ने आजीविका मिशन के ज़रिए उनके जीवन में आये बदलाव के अनुभवों को भी सचिव से साझा किया।

दौरे के अंत में एन एन सिन्हा द्वारा धालभूमगढ़ प्रखंड अंतर्गत आमाडूबी ग्राम स्थित हेरिटेज विलेज का भ्रमण किया गया। मौके पर उन्होंने 12 लाभुकों को पीएम आवास की चाभी, 10 आवास प्लस के लाभुकों को स्वीकृति पत्र, 9 राजमिस्त्री प्रशिक्षण प्राप्त लोगों को प्रमाण पत्र दिया गया। एन एन सिन्हा ने प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि NRLM और उससे जुड़े कार्यक्रमों में यहां बेहतर कार्य किया जा रहा है। प्रधानमंत्री आवास में भी अच्छी प्रगति है। साथ ही उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन को रुर्बन मिशन में ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने जिले के पदाधिकारियों से कहा कि पीएम आवास योजना को सिर्फ घर उपलब्ध कराने का माध्यम न समझें बल्कि गरीबी हटाने का एक मौका के रूप में देखें और सभी प्रकार की योजनाओं से अभिसरण करके लाभुकों को गरीबी से ऊपर उठाने की कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण यह है कि हमारे विभिन्न कार्यक्रमों से जितने भी लोग जुड़े हैं, खासकर स्वयं सहायता समूहों से, तो उनमें से प्रत्येक व्यक्ति के आजीविका का विस्तार हो। एक आजीविका पर निर्भर हैं तो दो करें, दो कर रहे हों तो तीन करें, संगठित हो साथ ही जो आजीविकायें हैं उनका विकेंद्रीकरण बहुत आवश्यक है। पशुपालन, बागवानी, मत्स्य पालन जैसी कई योजनाएं हैं जो आर्थिक सुदृढ़ता प्रदान करती हैं।उन्होंने कहा कि सामाजिक सुरक्षा की जो योजनाएं हैं उन्हें अपने कार्यक्रमों के साथ जोड़कर लाभ दिलाने का प्रयास है। अच्छी बात है कि ग्राम पंचायत विकास की जो योजना बन रही है उसमें प्रत्येक परिवार की जरूरतों को ध्यान में रखा गया है।