मिरर मीडिया : बीपीएल कोटे के तहत नामांकन में बड़ा फर्जीवाड़ा हुआ है। इस संदर्भ में झारखंड अभिभावक महासंघ के महासचिव मनोज मिश्रा ने जिला शिक्षा अधीक्षक इंद्र भूषण सिंह पर आरोप लगाते हुए कहा है कि जिला शिक्षा अधीक्षक द्वारा स्कूलों से बीपीएल कोटे अन्तर्गत नामांकित छात्र छात्राओं के सूची उपलब्ध कराने के लिये निर्गत पत्र सिर्फ दिखावा है जबकि सभी जानकारी उनके (जिला शिक्षा अधीक्षक, धनबाद) कार्यालय में संधारित है। बीपीएल कोटे में नामांकन से संबंधित सारे कार्यों का निष्पादन उनके कार्यालय के द्वारा ही किया जाता है ऐसे में स्कूलों से बेवजह मांगना समझ से परे है। जानबुझ कर सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के प्रावधानों के तहत मुझे सूचना एवं संबंधित दस्तावेज से दूर रखने या वंचित करने का असफल प्रयास है। कहीं ना कहीं जिला शिक्षा अधीक्षक अपने ऊपर लगाए गए आरोपों से मुक्त होना चाहते हैं।
बता दें कि मनोज मिश्रा द्वारा बीपीएल कोटे के तहत हुए नामांकन से संबंधित जानकारियां डीएसई कार्यालय से मांगी गई थी तथा उन्होंने अपने आवेदन में स्पष्ट किया है कि मेरे द्वारा मांगी गई सभी जानकारी आप के कार्यालय में जिस रूप में संधारित है उसी रूप में मुझे अवलोकन करें तथा प्रावधानों के तहत प्राप्त करने की अनुमति प्रदान करेंगे। परंतु जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय द्वारा जवाब नहीं मिलने के पश्चात् मनोज मिश्रा ने क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक -सह- प्रथम अपीलीय पदाधिकारी के समक्ष प्रथम अपील दर्ज कराई। प्रथम अपीलीय पदाधिकरी द्वार डीएसई को सुनवाई के लिये तिथि निर्धारित करते हुये नोटिस निर्गत करने के पश्चात् जन सूचना पदाधिकारी -सह- जिला शिक्षा अधीक्षक ने मनोज मिश्रा द्वारा मांगी गई जानकारी का हवाला देते हुए सभी स्कूलों को पत्र जारी कर 3 दिनों के भीतर संबंधित विवरण की मांग की है। वहीं
झारखंड अभिभावक महासंघ के महासचिव मनोज मिश्रा ने बताया कि बीपीएल कोटे के तहत नामांकन में बहुत बड़ा फर्जीवाड़े हुआ है नामांकन से संबंधित ब्यौरा विभाग द्वारा आने के बाद बहुत जल्द इसका खुलासा किया जाएगा।