Corona Vaccine कोविशील्ड Covishield से लोगों की सुरक्षा को लेकर देश और विदेश में बहस छिड़ी है Covid -19 कोरोना महामारी के करीब 4 साल बाद अब एस्ट्राजेनेका ने माना कि उसकी कोविड वैक्सीन लोगों में दुर्लभ दुष्प्रभाव पैदा कर सकती है। अब इसे लेकर इस लोकसभा चुनाव के दौरान राजनीति बहस भी छिड़ गई है।
दरअसल jharkhand के मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने Covid -19 कोरोना वैक्सीन पर आए रिपोर्ट के बाद सवाल खड़ा किया है और उसे BJP से जोड़कर प्रधानमंत्री को कठघरे में खड़ा किया है। CM चंपाई सोरेन ने एक्स पर लिखा है
Corona Vaccine बनाने वाली ब्रिटिश फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका ने कोर्ट में माना है कि इससे ब्रेन स्ट्रोक अथवा दिल का दौरा पड़ सकता है।
इसी Corona Vaccine वैक्सीन को भारत में हम कोविशील्ड के नाम से जानते हैं, जिसे ‘सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया’ ने बनाया था। इस कंपनी द्वारा भाजपा को 52 करोड़ चंदा देने की जो चर्चा मीडिया/ सोशल मीडिया में चल रही है, क्या वह सच है?
पहले भी बीबीसी ने रिपोर्ट किया था कि इलेक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से कुछ ऐसी कंपनियों से चंदा लिया गया, जिनकी दवाइयां टेस्ट में फेल हो रही थीं।
क्या यह केंद्र सरकार की जिम्मेदारी नहीं थी कि वैक्सीन की पूरी तरह से जांच हो, खास कर के तब, जब आप इसे लगवाना सभी नागरिकों के लिए अनिवार्य कर रहे थे?
सवाल यह है कि क्या इस वैक्सीन के तथाकथित दुष्प्रभावों से बचाने के लिए कोई रिसर्च की जा रही है? क्या केंद्र सरकार अब भी कोई जिम्मेदारी लेगी? क्या इस मामले में जनता को कोई स्पष्टीकरण दिया जायेगा?
प्रधानमंत्री जी, देश जवाब चाहता है।
covid -19 के दौरान अदार पूनावाला के सीरम इंस्टिट्यूट द्वारा उत्पादित किया गया था कोविशील्ड
बता दें कि covid -19 कोरोना महामारी के दौरान अदार पूनावाला के सीरम इंस्टिट्यूट द्वारा उत्पादित कोविशील्ड और वैक्सजेवरिया को भारत समेत दुनियाभर के करोड़ों लोगों को कोरोना बीमारी से बचाने के लिए लगाया गया था।
बेहद दुर्लभ मामलों में लोगों में खून के थक्के जमने समेत कई दुष्प्रभाव पैदा कर सकती कोविशील्ड
वहीं अब एक कानूनी मामले में एस्ट्राजेनेका ने कबूल किया कि उसकी कोरोना वैक्सीन जिसे दुनियाभर में कोविशील्ड और वैक्सजेवरिया ब्रांड के नाम से बेचा गया था, वह लोगों में खून के थक्के जमने समेत कई दुष्प्रभाव पैदा कर सकती है। यानी दूसरे शब्दों में कहें तो हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक और प्लेटलेट्स गिरने का कारण बन सकती है। हालांकि कंपनी ने इसके साथ ही यह भी जोड़ा कि ऐसा बेहद दुर्लभ मामलों में ही होगा और आम लोगों को डरने की जरूरत नहीं है।
ब्रिटेन में जेमी स्कॉट नामक व्यक्ति ने एस्ट्राजेनेका कंपनी के खिलाफ कोर्ट में केस किया
ब्रिटेन में जेमी स्कॉट नाम के एक व्यक्ति ने एस्ट्राजेनेका कंपनी के खिलाफ कोर्ट में केस किया है। उनका कहना है कि एस्ट्राजेनेका वैक्सीन की लगवाने के बाद वे ब्रेन डैमेज का शिकार हुए थे। उनकी तरह ही कई अन्य परिवारों ने भी वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स को लेकर कोर्ट में कंप्लेंट फाइल कर रखी है। उनका कहना है कि यह वैक्सीन लगवाने के लिए उन्हें कई तरह के शारीरिक विकारों का सामना करना पड़ रहा है, जिसके बारे में पहले नहीं बताया गया था। ये परिवार अब वैक्सीन को लेकर हुई परेशानियों को लेकर मुआवजे की मांग कर रहे हैं।
एस्ट्राजेनेका ने स्वीकार किया, इसकी वजह से लोगों को हार्ट अटैक या ब्रेन स्ट्रोक का हो सकता है खतरा
वहीं यूके हाई कोर्ट में अपना जवाब दाखिल करते हुए कंपनी ने स्वीकार किया कि बेहद दुर्लभ मामलों में उनकी वैक्सीन थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (TTS) की वजह बन सकता है। इसकी वजह से लोगों को हार्ट अटैक या ब्रेन स्ट्रोक हो सकता है। इस कबूलनामे के बावजूद कंपनी लोगों की मुआवजे की मांग का विरोध कर रही है।
कंपनी को काफ़ी हो सकता है नुकसान
गौरतलब है कि सुरक्षा की दृष्टिकोण से एस्ट्राज़ेनेका-ऑक्सफ़ोर्ड वैक्सीन अब यूके में नहीं दी जाती है। अगर कोर्ट याचिकाकर्ताओं का दावा कबूल कर लेती है तो कंपनी को काफी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।