धनबाद। सदर अस्पताल में बीते 24 घंटे के भीतर तीन नवजातों की मौत हो गई। इन तीनों मामलों में प्रसव के लिए अलग-अलग क्षेत्रों से आई गर्भवती महिलाओं को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन नवजातों की जान नहीं बचाई जा सकी। मृत नवजातों के परिजन अस्पताल की लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं।
पहला मामला बुधवार रात का है, जब तोपचांची के मुर्शिंद आलम की पत्नी तनीशा खातून को गंभीर अवस्था में सदर अस्पताल लाया गया। परिजनों का कहना है कि प्रसव के बाद नवजात को एनआईसीयू में रखने की जरूरत थी, लेकिन अस्पताल में आवश्यक सुविधा नहीं मिलने के कारण नवजात को मेडिकल कॉलेज रेफर किया जाने लगा। इसी दौरान नवजात ने दम तोड़ दिया।
दूसरा मामला गुरुवार दोपहर 2 बजे का है, जब निरसा प्रखंड से एक गर्भवती महिला को सदर अस्पताल लाया गया। रास्ते में ही उसका आंशिक प्रसव हो चुका था। नवजात की हालत पहले से ही गंभीर थी। अस्पताल में प्रसव तो कराया गया, लेकिन नवजात को नहीं बचाया जा सका। मां का इलाज सदर अस्पताल में जारी है।
तीसरी घटना गुरुवार सुबह 9 बजे की है, जब गोविंदपुर के तलत अंसारी की पत्नी शमा परवीन को सदर अस्पताल लाया गया। परिजनों ने बताया कि गोविंदपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पहले प्रसव कराने की कोशिश की गई थी, लेकिन सफल नहीं होने पर उन्हें सदर अस्पताल रेफर किया गया। यहां पर प्रसव कराया गया, लेकिन नवजात की मौत हो गई।
लगातार तीन नवजातों की मौत से अस्पताल की व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े हो रहे हैं। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल में समय पर जरूरी सुविधा और इलाज नहीं मिलने के कारण यह दुखद घटनाएं हुईं। मामले में स्वास्थ्य विभाग की ओर से फिलहाल कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।