डिजिटल डेस्क / कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने राज्य में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) से पहले बड़े पैमाने पर विसंगतियों का आरोप लगाते हुए निर्वाचन आयोग के कुछ अधिकारियों और भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए हैं। टीएमसी ने दावा किया है कि एक पूर्व-नियोजित साजिश के तहत मतदाता सूची से हजारों नाम हटाए जा रहे हैं।
टीएमसी के प्रवक्ता कुणाल घोष ने एक संवाददाता सम्मेलन में दावा किया कि पार्टी ने वर्ष 2002 की मतदाता सूची और आयोग की वेबसाइट पर हाल में अपलोड की गई सूची के बीच जबरदस्त अनियमितताएं पाई हैं।
- घोष ने आरोप लगाया कि यह हेरफेर भाजपा के कार्यालयों से निर्वाचन आयोग के कुछ अफसरों की मिलीभगत से किया जा रहा है।
- उन्होंने कहा कि कई क्षेत्रों में, सैकड़ों नाम बिना किसी आधिकारिक स्पष्टीकरण के गायब हो गए हैं।
- हाबरा-2 ब्लॉक के तहत एक बूथ संख्या 159 में, आयोग की वेबसाइट पर अब शून्य पंजीकृत मतदाता दिखाए गए हैं, जबकि 2002 की सूची में लगभग 900 नाम थे।
- कूचबिहार में भी कई बूथों पर 400 से 900 मतदाताओं के नाम गायब दिख रहे हैं।
टीएमसी ने इस पर आयोग के पास औपचारिक शिकायत दर्ज करा दी है और चुनावी प्रक्रिया में हेरफेर करने के इस प्रयास की पूर्ण पैमाने पर जांच की मांग की है। पार्टी ने जोर देकर कहा कि वह एक भी वैध मतदाता का नाम हटाने नहीं देगी और इसके लिए बूथ-वार सबूत जुटाए जा रहे हैं।
राज्य की मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा कि कथित अनियमितताओं का नुकसान भाजपा समर्थकों को भी हुआ है, जिससे उनमें भी असंतोष पैदा हो गया है।


 
			 
			 
                                 
                             