जमशेदपुर : समाहरणालय स्थित एनआईसी कक्ष से जिला उपायुक्त विजया जाधव द्वारा शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक की गई, जिसमें सभी विद्यालयों के प्रधानाध्यापक, प्रभारी प्रधानाध्यापक वर्चुअल माध्यम से जुड़े। मासिक मूल्यांकन परीक्षा जो प्रतिमाह प्रत्येक विद्यालय में वर्ग 9 तथा 10 में आयोजित की जाती है, समीक्षा के क्रम में निदेश दिया गया कि परीक्षा पारदर्शी तरीके से करवाते हुए बच्चों के वर्तनी की अशुद्धियों पर ध्यान दिया जाए। उन्होने कहा कि वस्तुनिष्ठ प्रश्नों के साथ ही दीर्घ उत्तर वाले प्रश्नों का भी विद्यार्थी आवश्यक रूप से प्रयास करें, इसके लिए शिक्षकों का मार्गदर्शन प्रदान किया। सरकारी विद्यालयों में अध्ययनरत छात्रों के शिक्षा गुणवत्ता के स्तर में सुधार लाने का प्रयास करने के लिए सभी शिक्षकों को एक टीम के रूप मे कार्य करने का निदेश दिया।
जिला उपायुक्त द्वारा मासिक मूल्यांकन परीक्षा शुरू करने के उद्देश्यों को लेकर बताया गया कि बच्चों में ज्ञान की समझ विकसित करने, प्रभावी छात्र शिक्षक संवाद स्थापित करना है, ताकि बच्चों को उनकी कमियों की जानकारी मिल सके व इसमें अपेक्षित सुधार लाया जा सके। उन्होने कहा कि बच्चे विद्यालयी शिक्षा का केंद्र होते हैं, बच्चों में ज्ञानार्जन सुनिश्चित करने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका एक अध्यापक की ही होती है। छात्र की अध्ययन प्रगति का आकलन करना शिक्षक की प्राथमिक भूमिकाओं में से एक है। कक्षा में छात्रों के नियमित और निरंतर मूल्यांकन से बच्चों के बीच अध्ययन समस्याओं के समाधान के लिए हल निकालना है। मासिक मूल्यांकन परीक्षा का केन्द्र बिंदु यही है कि शिक्षक और छात्र दोनों ही सीखने पर अपना ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
जिला उपायुक्त ने कहा कि बच्चों को मनोरंजक तरीके से पढ़ाकर विषयों के प्रति रूचि जगायें, ताकि पढ़ाई उनको बोझ नहीं लगे बल्कि खुशी-खुशी ज्ञानार्जन करें। विज्ञान हो या कोई भी विषय बच्चों को उदाहरण के साथ तथा आसपास उस विषय से जुड़ी चीजों को दिखाते, समझाते हुए पढ़ायें, बच्चों में अक्षर का ज्ञान हो, सिर्फ किताब में लिखी लाइनें पढ़कर या बच्चे रट्टा मारकर परीक्षा नहीं दें इसे सुनिश्चित करें।