मिरर मीडिया संवाददाता, धनबाद: जिले के तालाबों, नदियों, नालों और अन्य जल स्रोतों की भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए प्रशासन ने कमर कस ली है। इस संबंध में सोमवार को समाहरणालय के सभागार में उप विकास आयुक्त सादात अनवर की अध्यक्षता में टास्क फोर्स की बैठक आयोजित की गई। बैठक में जल स्रोतों के संरक्षण और उन्हें अतिक्रमण एवं प्रदूषण से मुक्त कराने पर चर्चा की गई।
जल स्रोतों के मूल नक्शे के आधार पर आकार का होगा निर्धारण
उप विकास आयुक्त ने कहा कि नगर विकास एवं आवास विभाग के निर्देशानुसार शहरी क्षेत्रों में सभी जल स्रोतों का मूल नक्शे के आधार पर आकार चिह्नित किया जाएगा। इसके बाद जल स्रोतों और आसपास की सरकारी भूमि पर किए गए अतिक्रमण एवं अवैध निर्माणों की पहचान कर नियमानुसार हटाने की कार्रवाई की जाएगी।
अवैध बंदोबस्ती होगी रद्द
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि यदि किसी जल स्रोत की भूमि या आसपास की सरकारी भूमि पर अवैध बंदोबस्ती की गई है, तो उसे रद्द करने का प्रस्ताव दिया जाएगा। त्वरित कार्रवाई के तहत अवैध कब्जों को हटाने और बंदोबस्ती रद्द करने के निर्देश दिए गए।
प्रदूषण रोकने के लिए की जाएगी कड़ी कार्रवाई
जल स्रोतों को प्रदूषण मुक्त रखने के लिए भी कड़े कदम उठाए जाएंगे। ठोस और तरल अपशिष्ट पदार्थों के जल स्रोतों में प्रवाह को दंडनीय अपराध घोषित करते हुए इसे रोकने के लिए ठोस कार्रवाई की जाएगी।
जवाबदेही होगी तय
उप विकास आयुक्त ने कहा कि अतिक्रमण मुक्त कराए गए क्षेत्रों का स्पष्ट सीमांकन किया जाएगा, ताकि दोबारा अतिक्रमण की स्थिति में उसे आसानी से चिह्नित किया जा सके। साथ ही, अतिक्रमण मुक्त क्षेत्र को बनाए रखने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही भी तय की जाएगी।