जमशेदपुर। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) आगामी एक फरवरी से 28 फरवरी तक व्यापारी समुदाय की ताकत को वोट बैंक में बदलने के लिए मेगा राष्ट्रीय अभियान “व्यापारी संवाद” शुरू करेगी। यह संवाद बहुप्रतीक्षित ई-कॉमर्स नीति और राष्ट्रीय खुदरा नीति को लागू करने में सरकार की देरी, जीएसटी कराधान प्रणाली की बढ़ती जटिलताओं और व्यापार पर हो रहे चौतरफा हमलों के बीच हो रहा है. इसके माध्यम से कैट भारत के खुदरा व्यापार पर एक जनमत सर्वेक्षण भी आयोजित करेगा। इससे जुड़ी जानकारी अहमदाबाद में आयोजित कैट की कोर कमिटी बैठक में दी गयी।
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि यह सर्वेक्षण खुदरा व्यापार की क्षमता, व्यापारियों के सामने आ रही चुनौतियों तथा सुझाव एवं उपचारात्मक उपायों के संदर्भ में सबसे बड़ा सर्वेक्षण होगा। भारत में खुदरा व्यापार लगभग 130 लाख करोड़ रुपये का वार्षिक कारोबार कर रहा है, लेकिन यह विडंबना है कि भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ माना जानेवाले इस क्षेत्र के लिए केंद्र और राज्यों दोनों में कोई अलग मंत्रालय नहीं है और न ही कोई नीति है। इसलिए कैट ने अब व्यापारिक समुदाय की ताकत को मजबूत करने का फैसला किया है, जिसे वोट बैंक में परिवर्तित किया जायेगा।
उन्होंने कहा कि देश में सब कुछ वोट बैंक की राजनीति से तय होता है, तो व्यापारी क्यों पीछे रहें.