नई दिल्ली: देश में तेजी से बढ़ रहे साइबर फ्रॉड पर लगाम लगाने के लिए दूरसंचार विभाग (DoT) ने बड़ी पहल की है। विभाग ने Airtel, BSNL, Jio और Vi (Vodafone Idea) जैसी टेलीकॉम कंपनियों समेत टेक इंडस्ट्री के लिए नए साइबर सिक्योरिटी नियमों को नोटिफाई किया है। इन नियमों का उद्देश्य डिजिटल फ्रॉड और फर्जी मोबाइल नंबर के जरिए होने वाले वित्तीय अपराधों को रोकना है।
गैर-टेलीकॉम सेक्टर को भी जोड़ेगा नया नियम
ET टेलीकॉम की रिपोर्ट के अनुसार, DoT अधिकारियों ने बताया कि यह नियम सिर्फ टेलीकॉम कंपनियों के लिए नहीं, बल्कि बैंक, फाइनेंशियल इंस्टिट्यूट और इंश्योरेंस कंपनियों जैसी अन्य संस्थाओं को भी एक प्लेटफॉर्म पर लाने के लिए बनाया गया है। हालांकि, टेक एक्सपर्ट्स का कहना है कि इससे नॉन-टेलीकॉम कंपनियां भी दूरसंचार विभाग के दायरे में आ सकती हैं, जिससे यूजर्स की प्राइवेसी को खतरा हो सकता है।
मोबाइल नंबर वैलिडेशन प्लेटफॉर्म की तैयारी
नए नियमों के तहत दूरसंचार विभाग एक मोबाइल नंबर वैलिडेशन प्लेटफॉर्म (MNV) तैयार करेगा। इसके जरिए यह जांच की जाएगी कि कोई मोबाइल नंबर वास्तव में उसी यूजर का है या किसी और का। टेलीकॉम कंपनियों के पास पहले से ही यूजर्स का KYC डाटा मौजूद है, जिसका इस्तेमाल वेरिफिकेशन में किया जाएगा। यह प्लेटफॉर्म आने वाले कुछ महीनों में लॉन्च होने की संभावना है।
बैंक और फाइनेंशियल सेक्टर को मिलेगा फायदा
इस प्लेटफॉर्म का उपयोग बैंक, फाइनेंशियल संस्थान और इंश्योरेंस कंपनियां नए अकाउंट खोलते समय कर सकेंगी। इससे यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि किसी अकाउंट से लिंक मोबाइल नंबर उसी व्यक्ति का है या नहीं। फिलहाल इस तरह की जांच के लिए कोई कानूनी मैकेनिज्म मौजूद नहीं है।
साइबर अपराधों पर लगेगी रोक
दूरसंचार विभाग का मानना है कि यह पहल साइबर अपराधों पर रोक लगाने में अहम भूमिका निभाएगी। इसके तहत बैंक और फिनटेक कंपनियां सीधे टेलीकॉम ऑपरेटर्स से मोबाइल नंबर की पुष्टि कर सकेंगी। हालांकि, अन्य बिजनेस जैसे ई-कॉमर्स और फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म को इस नियम के दायरे में शामिल नहीं किया गया है।

