13 मार्च 2025 को होलिका दहन का पर्व मनाया जा रहा है, जिसे छोटी होली भी कहा जाता है। यह दिन बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन भगवान विष्णु के भक्त प्रह्लाद की रक्षा हुई थी और होलिका दहन किया गया था।
होलिका दहन का शुभ मुहूर्त
आज भद्रा काल लगभग 13 घंटे तक रहेगा, इसलिए होलिका दहन भद्रा समाप्त होने के बाद रात में किया जाएगा।
- होलिका दहन का समय: रात 11:26 बजे से
- अमृत काल: रात 11:19 बजे से 01:04 AM (14 मार्च)
- ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 04:56 से 05:45 बजे तक
- अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:07 से 12:55 बजे तक
- विजय मुहूर्त: दोपहर 02:30 से 03:18 बजे तक
पौराणिक कथा
होलिका दहन की परंपरा हिरण्यकश्यप, होलिका और प्रह्लाद की कथा से जुड़ी है। हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका को आदेश दिया था कि वह भगवान विष्णु के भक्त प्रह्लाद को गोद में लेकर अग्नि में बैठ जाए, क्योंकि उसे वरदान था कि वह आग में नहीं जलेगी। लेकिन भगवान विष्णु की कृपा से प्रह्लाद सुरक्षित रहे और होलिका जलकर भस्म हो गई। तभी से इस दिन बुराई के अंत और अच्छाई की जीत के रूप में होलिका दहन की परंपरा चली आ रही है।
होलिका दहन पूजा विधि
- होलिका दहन से पहले भगवान विष्णु और प्रह्लाद की पूजा करें।
- होलिका की लकड़ियों पर गंगाजल, हल्दी, रोली और चावल अर्पित करें।
- होलिका की परिक्रमा करते समय गेंहू की बालियां और नारियल अर्पित करें।
- परिवार की सुख-समृद्धि और नकारात्मक ऊर्जा के नाश के लिए होलिका की अग्नि की राख को माथे पर लगाएं।
गुरुवार का व्रत और पूजा
आज गुरुवार का व्रत भी है, जो भगवान विष्णु और बृहस्पति ग्रह को समर्पित है।
- इस दिन भगवान विष्णु की पूजा पंचामृत, तुलसी, हल्दी, पीले फूल, चने की दाल और गुड़ से करें।
- केले के पौधे की पूजा करें और भगवान विष्णु की आरती करें।
- इस व्रत से जल्द विवाह, दांपत्य जीवन में सुख और गुरु दोष की शांति होती है।
आज का पंचांग (13 मार्च 2025)
- तिथि: चतुर्दशी (10:35 AM तक), फिर पूर्णिमा
- नक्षत्र: पूर्वाफाल्गुनी (06:19 AM तक), फिर उत्तराफाल्गुनी
- योग: धृति (01:03 PM तक), फिर शूल
- चंद्रमा: सिंह राशि में
- दिशा शूल: दक्षिण दिशा
राशियों पर असर
आज सिंह राशि में चंद्रमा स्थित है, जिससे सिंह, मेष और धनु राशि के जातकों को लाभ मिलेगा। वहीं, मकर और कुंभ राशि के जातकों को सतर्क रहने की सलाह दी जाती है।
आज होलिका दहन का शुभ मुहूर्त रात 11:26 बजे से है। इस दिन बुराइयों का अंत और जीवन में शुभता लाने के लिए होलिका दहन करें और भगवान विष्णु की पूजा करें। साथ ही, गुरुवार के व्रत का पालन कर जीवन में सुख-समृद्धि प्राप्त करें।