12 राज्यों में SIR का आज आखिरी दिन, चुनाव आयोग ने बुलाई अहम बैठक, बढ़ सकती है डेडलाइन 

Neelam
By Neelam
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केरल को छोड़कर देश के 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में चल रहे वोटर लिस्ट के स्पेशल इंटेंसिव रिविजन (एसआईआर) के फॉर्म जमा करने की आज आखिरी तारीख है। चुनाव आयोग आज विशेष गहन पुनरीक्षण यानी एसआईआर की प्रक्रिया पर अहम बैठक करेगा।

देशभर के 9 राज्यों और 3 केंद्र शासित प्रदेशों में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण यानी एसआईआर का आज आखिरी दिन है। ड्राफ्ट मतदाता सूची 16 दिसंबर को प्रकाशित होगी। अंतिम वोटर लिस्ट 14 फरवरी को जारी किया जाएगा। वहीं इससे पहले आज चुनाव आयोग ने एसआईआर को लेकर अहम बैठक बुलाई है। जानकारी के मुताबिक, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों में मतदाता सूची के पुनरीक्षण का काम तय समय से पीछे बताया जा रहा है। ऐसे में आयोग इन राज्यों के लिए समयसीमा बढ़ाने पर विचार कर सकता है। 

30 नवंबर को SIR की डेडलाइन 7 दिन बढ़ाई गई थी

चुनाव आयोग ने 30 नवंबर को एसआईआर की समय सीमा एक सप्ताह बढ़ाने का फैसला किया था। आयोग ने कहा था कि अब अंतिम मतदाता सूची 14 फरवरी 2026 को प्रकाशित की जाएगी। मतदाता जोड़ने-हटाने का एन्यूमरेशन पीरियड यानी वोटर वेरिफिकेशन अब 11 दिसंबर तक चलेगा, जो पहले 4 दिसंबर तक तय था। वहीं, पहले ड्राफ्ट लिस्ट 9 दिसंबर को जारी होनी थी, लेकिन अब इसे 16 दिसंबर को जारी किया जाएगा।

यूपी में एसआईआर के लिए विस्तार मांगा गया

उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने बुधवार को कहा कि राज्य ने भारतीय निर्वाचन आयोग से मतदाता सूचियों के विशेष गहन संशोधन (एसआईआर) को पूरा करने के लिए दो और सप्ताह का समय देने का अनुरोध किया है। एक प्रेस बयान में, नवदीप रिणवा ने कहा कि यह विस्तार इसलिए मांगा गया था ताकि जिला चुनाव अधिकारी मृत मतदाताओं, अन्य स्थानों पर स्थानांतरित हो चुके मतदाताओं और लापता मतदाताओं की प्रविष्टियों का पुनः सत्यापन कर सकें। उनके अनुसार, अब तक 99.24 प्रतिशत जनगणना प्रपत्रों का डिजिटलीकरण हो चुका है। राज्य भर में 4 नवंबर से एसआईआर अभ्यास चल रहा है।

क्या है एसआईआर का मकसद?

भारत में मतदाता सूची के लिए एसआईआर प्रक्रिया की जा रही है। इसे भारत निर्वाचन आयोग द्वारा किया जा रहा है। इसका उद्देश्य मतदाता सूची की गलतियों को सुधारना, फर्जी वोटिंग को रोकना, डुप्लीकेट नामों या अपात्र व्यक्तियों के नाम को हटाना और पात्र नागरिकों (18 वर्ष से अधिक आयु के) को सूची में शामिल करना है।

बिहार से हुई थी एसआईआर की शुरआत

वर्तमान में एसआईआर का दूसरा चरण चल रहा है। जिसमें कई राज्यों में इस प्रक्रिया को किया जा रहा है। पहले चरण में एसआईआर की शुरुआत बिहार से हुई थी। एसआईआर के तहत घर-घर जाकर सत्यापन अभियान चलाया गया है। इसमें बूथ स्तर पर अधिकारी काम में लगे हुए हैं। बीएलओ आमतौर पर स्थानीय स्कूल शिक्षक या सरकारी अधिकारी होते हैं। हालांकि कम समय में एसआईआर के काम को पूरा करना एक बड़ी चुनौती है।

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