मिरर मीडिया : नवरात्र का आज दूसरा दिन है। दुर्गा माता के दूसरे स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी को समर्पित आज के दिन में पूजा अर्चना की जाती है। मान्यता है कि इस दिन विधि विधान से मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है और अकाल मृत्यु का भय नहीं सताता।
ब्रह्मचारिणी देवी का स्वरूप अत्यन्त भव्य है। यह सफेद साड़ी धारण किए हैं। इनके दाहिने हाथ में जप की माला और बाएं हाथ में कमंडल रहता है। मान्यता है कि मां के इस स्वरूप की आराधन करने से शक्ति, त्याग, संयम, और वैराग्य में विकास होता है। मां ब्रह्मचारिणा को तपश्चारिणी, अपर्णा और उमा के नाम से भी जाना जाता है।
मां ब्रह्मचारिणी को ज्ञान और तप की देवी कहा जाता है। मान्यताओं के मुताबिक पूर्व जन्म में मां ने पर्वतराज हिमालय के घर पुत्री के रूप में जन्म लेकर भगवान शंकर को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए कई हजार वर्षों तक कठिन तपस्या की थी। इसी के कारण उन्हें ब्रह्मचारिणी के नाम से जाना गया। जो भी भक्त सच्चे दिल से मां ब्रह्मचारिणी की पूजा का करता है, उसके अंदर जप तप की शक्ति में वृद्धि होती है और हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है।