धनबाद: स्कूल बसों की सुरक्षा को लेकर भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के उल्लंघन पर परिवहन विभाग अब सख्त रुख अपनाए हुए है। हाल ही में बरोरा BCCL, धनबाद स्थित DAV स्कूल की बसों की जांच के दौरान कई खामियां सामने आईं, जिसके चलते विभाग ने स्कूल प्रबंधन पर जुर्माना ठोका और कड़ी चेतावनी जारी की।
परिवहन विभाग की टीम ने स्कूल वाहनों की बारीकी से जांच की। इस दौरान यह पाया गया कि DAV स्कूल द्वारा संचालित कुछ बसें सुप्रीम कोर्ट के तय मानकों पर खरा नहीं उतर रही थीं। कई बसों में सुरक्षा से संबंधित जरूरी उपकरणों की कमी पाई गई, जो बच्चों की जान को खतरे में डाल सकती है।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित अनिवार्य दिशा-निर्देश इस प्रकार हैं:
बस के आगे और पीछे स्पष्ट रूप से “स्कूल बस” लिखा होना चाहिए।
यदि बस किराये की है, तो उस पर “ऑन स्कूल ड्यूटी” अंकित होना आवश्यक है।
बस में प्राथमिक चिकित्सा बॉक्स और अग्निशामक यंत्र होना चाहिए।
खिड़कियों पर क्षैतिज ग्रिल तथा दरवाजों पर मजबूत ताले लगे होने चाहिए।
सीटों के नीचे स्कूल बैग रखने की सुरक्षित जगह होनी चाहिए।
बस पर स्कूल का नाम और टेलीफोन नंबर स्पष्ट रूप से लिखा होना चाहिए।
एक प्रशिक्षित अटेंडेंट की उपस्थिति अनिवार्य है।
अधिकतम गति 40 किमी/घंटा होनी चाहिए और स्पीड गवर्नर लगा होना चाहिए।
जांच में क्या पाया गया?
जांच के दौरान DAV स्कूल की कई बसों में प्राथमिक चिकित्सा बॉक्स, अग्निशामक यंत्र और खिड़कियों पर ग्रिल जैसी मूलभूत सुरक्षा सुविधाएं नहीं थीं। इसके अलावा, कुछ बसों पर स्कूल की पहचान संबंधी जानकारी भी नहीं लिखी गई थी और स्पीड गवर्नर जैसी व्यवस्था नदारद थी।
इन खामियों को गंभीर मानते हुए परिवहन विभाग ने स्कूल प्रबंधन पर जुर्माना लगाया है। साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि भविष्य में यदि नियमों का पुनः उल्लंघन हुआ, तो बसों का परमिट रद्द किया जा सकता है।
परिवहन विभाग की सख्ती
परिवहन विभाग ने जिले के सभी स्कूलों को निर्देशित किया है कि वे सर्वोच्च न्यायालय के दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करें, ताकि स्कूली बच्चों की सुरक्षा से कोई समझौता न हो।