बोकारो: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने आदिवासियों की घटती जनसंख्या और उनकी जमीन पर हो रहे अतिक्रमण को लेकर गंभीर चिंता जताई है। बोकारो के बालीडीह स्थित सरहुल महोत्सव कार्यक्रम में उन्होंने घोषणा की कि आगामी छह महीनों के भीतर एक विशाल आदिवासी महासम्मेलन का आयोजन किया जाएगा, जिसमें पूरे देश से 10 लाख आदिवासियों के जुटने की संभावना है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सीएनटी और एसपीटी एक्ट का पालन ना होना आदिवासी समाज के लिए बेहद खतरनाक संकेत है। इससे न केवल उनकी जमीन छीनी जा रही है बल्कि उनकी पहचान और संस्कृति पर भी खतरा मंडरा रहा है।
चंपई सोरेन ने कहा, “अब वक्त आ गया है कि आदिवासी समाज एकजुट होकर अपने अधिकारों और अस्तित्व की लड़ाई लड़े। हमें अपनी जमीन, जंगल और जल की रक्षा के लिए संगठित आंदोलन खड़ा करना होगा।”
उन्होंने यह भी बताया कि संथाल सहित अन्य आदिवासी क्षेत्रों में लगातार जनसंख्या घटने के आंकड़े सामने आ रहे हैं, जो बेहद चिंताजनक है। ऐसे में इस महासम्मेलन के माध्यम से एक नई ऊर्जा और दिशा देने की तैयारी की जा रही है।
पूर्व मुख्यमंत्री के इस ऐलान को आदिवासी अधिकारों की लड़ाई में एक बड़े मोड़ के रूप में देखा जा रहा है।