डिजिटल डेस्क/कोलकाता : बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर छिड़ा सियासी संग्राम अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। तृणमूल कांग्रेस ने पार्टी की सांसद माला राय और डोला सेन के जरिए याचिका दायर की। यह कदम मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सिलीगुड़ी में आयोग से प्रक्रिया रोकने की मांग के महज घंटों बाद उठाया गया।
याचिका में दावा है-चार नवंबर से बंगाल में जिस रफ्तार से एसआईआर चल रहा है, उसमें गलतियां होना तय है। इससे वैध मतदाताओं के नाम कट सकते हैं, जो लोकतंत्र पर हमला होगा। तृणमूल ने मांग की है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले तक बंगाल में एसआईआर ठप कर दिया जाए। पार्टी का कहना है कि वह राज्य के लोगों के वोटिंग राइट की रक्षा करना चाहती है। तृणमूल शुरू से चिल्ला रही है कि एसआईआर के पीछे भाजपा और केंद्र की एनआरसी लागू करने की साजिश है।
लेकिन भाजपा का पलटवार जोरदार है। तृणमूल इसलिए बौखलाई है क्योंकि एसआईआर से अवैध बांग्लादेशी और रोहिंग्या वोटरों के नाम हट जाएंगे। निर्वाचन आयोग इसे मतदाता सूची साफ करने का रूटीन प्रोसेस बता रहा है, पर तृणमूल इसे सियासी हथियार मान रही है। याचिका में जल्दबाजी को बड़ा मुद्दा बनाया गया है, कहा गया है कि इससे निर्दोष लोग पीड़ित होंगे। अगर सुप्रीम कोर्ट अंतरिम रोक लगाता है, तो प्रक्रिया थम जाएगी। आगामी चुनावों को देखते हुए यह लड़ाई बंगाल की सियासत का नया तूफान बन चुकी है।

