जमशेदपुर। वर्कर्स महाविद्यालय में शहीद दिवस के उपलक्ष्य में हिंदी, उर्दू, संस्कृत, बांग्ला, उड़िया, एवं इंग्लिश विभाग की ओर से एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में हंसते-हँसते फांसी पर चढ़ने वाले वीर बलिदानी सरदार भगत सिंह, राजगुरु, एवं सुखदेव को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। कार्यक्रम के आरम्भ में महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. डॉ. सत्यप्रिय महालिक तथा सभी शिक्षकों ने शहीद क्रांतिकारियो के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। मुख्य वक्ता प्राचार्य प्रो. डॉ सत्यप्रिय महालिक ने अपने संबोधन में अपनी अंडमान निकोबार की यात्रा की चर्चा करते हुए सेल्युलर जेल में क्रांतिकारियों की दी जाने वाली यातनाओं का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि भगत सिंह के अनुसार क्रांति बंदूक, गोली से नहीं, बल्कि प्रत्येक व्यक्ति के विचारों से होती है। उन्होंने सभी से संकल्प करने की अपील करते हुए कहा कि हम सब उनके कदमों पर चलते हुए दूसरों के लिए जियें, दूसरों के लिए कार्य करें, यही उन सभी शहीदों के प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी।राजनीति विज्ञान के विभागाध्यक्ष डॉ. ए. के. महापात्रा ने शहीद-ऐ-आज़म भगत सिंह के जीवन के प्रसंगों की चर्चा करते हुए कहा कि भारत वीरों का देश है। हमारे यहां कोई वीर जब जन्म लेता है, तभी से उनकी वीरता की गाथा आरम्भ हो जाती है। वीर वही होता है, जिसमें एक ही, समर्पण का भाव तथा दूसरे के लिए जीने का जज़्बा होता है।इस अवसर पर इंग्लिश विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. प्रीतिबाला सिन्हा ने 23 मार्च की ऐतिहासिकता पर प्रकाश डालते हुए भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में भगत सिंह, राजगुरु, और सुखदेव के योगदान की चर्चा की। इस अवसर पर हिंदी विभाग के प्रो. हरेन्द्र पंडित ने एक देशभक्ति गीत प्रस्तुत किया। बांग्ला विभाग के प्रो. मिलिंद मोहंती ने कहा कि शहीदों को एक दिन नहीं, बल्कि सभी दिन याद करने की आवश्यकता है, क्योंकि यह आज़ादी उनकी ही बदौलत मिली है। उर्दू विभाग की अध्यक्ष डॉ राफिया बेग़म ने स्वतंत्रता संग्राम के बलिदानियों को नमन करते हुए शायरी पेश की। छात्र नेता हेमन्त पाठक एवं बापन घोष ने शहीदों को नमन करते हुए अपने उद्गार प्रकट किया ।कार्यक्रम के अंत में संस्कृत विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. लाडली कुमारी ने धन्यवाद ज्ञापन दिया। इस अवसर पर प्रो. सुनीता गुड़िया, डॉ श्वेता कुमारी, प्रो. कुमारी प्रियंका, डॉ. पुष्पा तिवारी, प्रो. कंचन गिरि, प्रो. संगीता कुमारी, प्रो. गीता कुमारी, प्रो. पुष्पा शालू लिंडा तथा अन्य शिक्षकों के साथ महाविद्यालय के छात्र- छात्राएं उपस्थित थे।