अंकारा। तुर्किये ने शुक्रवार को इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ गाजा में नरसंहार और मानवता के खिलाफ अपराधों के आरोप में गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक, इस्तांबुल के प्रॉसिक्यूटर ऑफिस ने कुल 37 इजरायली अधिकारियों पर कार्रवाई के आदेश दिए हैं।
जिन प्रमुख नामों पर वारंट जारी हुआ है, उनमें प्रधानमंत्री नेतन्याहू, रक्षा मंत्री योआव गैलेंट काट्ज, राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इत्मार बेन गवीर, और इजरायली सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल इयाल जमीर शामिल हैं।
बयान में ‘तुर्किये-फिलिस्तीनी मित्रता अस्पताल’ का भी जिक्र किया गया है, जिसे तुर्किये ने गाजा पट्टी में बनाया था और जिसे मार्च 2024 में इजरायल के हमले में नष्ट कर दिया गया था। इजरायली रक्षा बलों ने उस समय दावा किया था कि यह अस्पताल “हमास के कार्यकर्ताओं द्वारा सैन्य गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था” और “काफी समय से सक्रिय चिकित्सा केंद्र नहीं था।”
तुर्किये लंबे समय से गाजा युद्ध की सबसे मुखर आलोचकों में रहा है। राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगान लगातार फिलिस्तीन के समर्थन और हमास के प्रति सहानुभूति जताते रहे हैं। पिछले वर्ष तुर्किये ने दक्षिण अफ्रीका द्वारा अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) में दाखिल उस याचिका का भी समर्थन किया था जिसमें इजरायल पर नरसंहार का आरोप लगाया गया है।
7 अक्टूबर 2023 को हमास द्वारा दक्षिणी इजरायल पर किए गए हमलों के बाद शुरू हुए दो साल लंबे युद्ध के बीच अब 10 अक्टूबर से एक नाजुक युद्धविराम लागू है, जो पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की शांति योजना का हिस्सा बताया जा रहा है।
इस बीच, हमास ने तुर्किये की कार्रवाई का स्वागत करते हुए कहा कि “यह कदम तुर्किये की जनता और उसके नेतृत्व की न्याय, मानवता और भ्रातृत्व के मूल्यों के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।” संगठन ने इसे “उत्पीड़ित फिलिस्तीनी जनता के साथ सच्ची एकजुटता” का प्रतीक बताया।

