मिरर मीडिया : उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मौत की गुत्थी सुलझाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। उत्तर प्रदेश सरकार के गृह विभाग ने मामले की जांच के लिए केंद्र सरकार से CBI जांच की सिफारिश की है। आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए योगी सरकार इस मामले को जल्द सुलझाना चाहती हैl महंत नरेंद्र गिरी की मौत के मामले में कई सवाल खड़े हो रहे हैं और संत समाज से जुड़े कई राजनेता और अन्य गणमान्य लोग भी इसे आत्महत्या मानने से इनकार कर रहे हैं। साथ ही सीबीआई जांच की मांग कर रहे थे।
गौरतलब है कि, प्रयागराज में महंत नरेंद्र गिरि को भू-समाधि दे दी गई। जिस मठ में रहकर महंत नरेंद्र गिरि पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हुए उसी बाघम्बरी मठ में नरेंद्र गिरि को भू-समाधि दी गई। निरंजनी अखाड़े के विधि-विधान से मठ के सैकड़ों साधुओं ने महंत नरेंद्र गिरि को अंतिम विदाई दी। उनके पार्थिव शरीर को समाधि के लिए खोदे गए बड़े गड्ढे में रखा गया और फिर पुष्प वर्षा के बीच उन्हें भू-समाधि दी गई। इस दौरान भारी संख्या में जुटे संतों ने उन्हें हाथ जोड़ कर विदाई दीl
वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को प्रयागराज के बाघंबरी मठ पहुंचकर महंत नरेंद्र गिरि को श्रद्धांजलि अर्पित की थी, इस दौरान सीएम भावुक हो गए थेl वहीं आज समाधि के मौके पर संत समाज और मंहत गिरि के शिष्य मौजदू रहेl वहीँ अब इसी बीच महंत नरेंद्र गिरि ने आत्महत्या की या उनकी हत्या हुई इसे लेकर नया विवाद शुरू हो गया है। निरंजनी अखाड़े के आचार्य कैलाशानंद ने कहा है कि महंत नरेंद्र गिरि की हत्या की गई है और जिस सुसाइड नोट की बात हो रही है वो साजिश नोट है।
दरअसल पुलिस को महंत नरेंद्र गिरि के शव के पास से एक सुसाइड नोट मिला थाl नरेंद्र गिरि के मिले सुसाइड नोट में आनंद गिरि, आद्या तिवारी और संदीप तिवारी को मौत का जिम्मेदार बताया गया थाl नरेंद्र गिरि ने अपने सुसाइड नोट में लिखा कि मैं दुखी होकर आत्महत्या करने जा रहा हूंl सुसाइड नोट में लिखा गया था कि ये तीनों ब्लैकमेल कर रहे हैं और मानसिक तौर पर प्रताड़ित कर रहे हैंl नरेंद्र गिरि ने तीनों को अपनी मौत का जिम्मेदार सुसाइड लैटर में बताया था जिसके आधार पर यूपी पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया थाl