योग को लौहनगरी जमशेदपुर से कुवैत तक पहुंचा कर वशिष्ठ ने पेश की मिसाल

Anupam Kumar
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विश्व योग दिवस पर विशेष

जमशेदपुर। योग को लौहनगरी जमशेदपुर से कुवैत तक पहुंचा कर वशिष्ठ ने पेश की मिसाल जमशेदपुर।लेखक डॉ. ईश्वर वी बासावरडी के अनुसार योग विज्ञान की उत्पत्ति सभ्यता शुरू होने के साथ हुई थी। योग विद्या में भगवान शिव को प्रथम योगी या आदि योगी तथा प्रथम गुरु या आदि गुरु के रूप में माना जाता है। योग विज्ञान स्वस्थ जीवन जीने की कला है। वर्तमान समय में योग की महत्व को भारतीयों ने विश्व के कोने कोने तक पहुंचाया। इस क्रम में लौहनगरी जमशेदपुर के युवक वशिष्ठ नारायण पात्र का भी नाम जुड़ा है। जमशेदपुर के गोविंदपुर निवासी योग शिक्षक वशिष्ठ नारायण पात्र कुवैत में नियमित योग का प्रशिक्षण देते हुए युवाओं के बीच मिसाल प्रस्तुत कर रहे है। योग प्रशिक्षक के शिखर तक पहुंचने के लिए वशिष्ठ को बहुत कठिनाई से सामना करना पड़ा। दसवीं कक्षा पास करने के बाद उनके पिता का देहांत हो गया। जिसके कारण तीन बहनों के साथ पूरे परिवार की जिम्मेदारी उनके कंधे पर पड़ा। दस साल पढ़ाई छूट गया। तीनों बहन का विवाह कराने के बाद फिर से पढ़ाई शुरू किया। वशिष्ठ बहुमुखी प्रतिभा के धनी है। योग के साथ विभिन्न प्रकार के नृत्य में वे रुचि रखते हैं। जमशेदपुर में योग व नृत्य का प्रशिक्षण देकर आर्थिक रोजगार करने लगे। 2021 में स्वामी विवेकानंद विश्वविद्यालय बेंगलुरु से योग में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। योग प्रशिक्षक के साथ वर्तमान में वे डिस्टेंस एजुकेशन से योग में एमएससी कर रहे हैं। 2011 में स्टार प्लस चैनल के शो “जस्ट डांस” में राष्ट्रीय स्तर पर रोबोट डांस में टॉप 30 में स्थान बनाकर जमशेदपुर का नाम रौशन किया। 2013 में जीटीवी के प्रसिद्ध शो “डांस इंडिया डांस” और स्टार प्लस चैनल के “इंडियाज़ डांसिंग सुपर स्टार” शो में भी जलवा बिखेरा। 2014 में कलर्स चैनल के “इंडियाज़ गोट टैलेंट” शो में धमाकेदार प्रदर्शन कर दर्शकों का तालियां बटोरी। वशिष्ठ ने जमशेदपुर के गोबिंदपुर में 2014 में ” वशिष्ठ इंटरनेशनल डांस एंड योगा एकडेमी ” का स्थापना कर शहर के बच्चों का योगा एवं डांस की बारीकियां इंस्ट्रक्टर के माध्यम से सीखा रहे हैं। वर्तमान में कुवैत के सारनिया शहर में स्थित “एवाईके” कंपनी के कर्मचारियों को योग सिखाने के लिए योग प्रशिक्षक के रूप में कार्यरत हैं। मानव समाज को संदेश देते हुए वशिष्ठ नारायण पात्र कहते हैं कि नियमित योग, प्राणायाम और ध्यान के माध्यम से युवा, महिला, बुजुर्ग व बच्चें तनावमुक्त रहकर एकाग्रता एवं सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त कर सकते हैं।

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