हजारीबाग: हजारीबाग जिला अंतर्गत आंगो थाना क्षेत्र के ग्राम गोंदवार के ग्रामीणों ने थाना प्रभारी पर गंभीर आरोप लगाते हुए पुलिस अधीक्षक को लिखित शिकायत सौंपी है। ग्रामीणों का कहना है कि थाना प्रभारी ने उन्हें उग्रवादी गतिविधियों में फंसाकर जेल भेजने की धमकी दी है। इस पूरे मामले ने पुलिस प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने 14 मई को थाना प्रभारी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि थाना प्रभारी, कथित भू-माफिया दुर्योधन महतो और जयकुमार यादव के साथ मिलकर गांव की सार्वजनिक जमीन पर अवैध कब्जे की कोशिश कर रहे हैं। परंतु शिकायत के तीन दिन बाद तक भी कोई कार्रवाई नहीं की गई।
ग्रामीणों के अनुसार, 19 मई को दोपहर करीब 2 बजे जब वे पथ निर्माण विभाग के कर्मचारी शिवलाल मरांडी से मिलने गए, तभी थाना प्रभारी ने उन्हें सिद्धू-कान्हू चौक बुलाया और धमकाते हुए कहा, “तुम लोग पुलिस के खिलाफ लोगों को भड़काते हो, तुम्हें आतंकवादी बताकर जेल भेज देंगे।”
ग्रामीणों ने यह भी बताया कि उसी शाम थाना प्रभारी दल-बल के साथ गांव पहुंचे और छोटे बच्चों सहित ग्रामीणों की तस्वीरें खींचीं। साथ ही, उनके माता-पिता सुरेन्द्र मरांडी, गीतां मरांडी और सोमरा मरांडी को डराया-धमकाया गया।
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि थाना प्रभारी भू-माफियाओं के साथ मिलकर सार्वजनिक जमीन को बेचने की साजिश कर रहे हैं। उन्होंने एसपी से इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है, साथ ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन व अनुसूचित जनजाति आयोग को भी पत्र भेजकर सुरक्षा की गुहार लगाई है।
इस संबंध में थाना प्रभारी से संपर्क करने की कोशिश की गई, परंतु उन्होंने फोन कॉल रिसीव नहीं किया। वहीं, हजारीबाग के पुलिस अधीक्षक अरविंद कुमार सिंह ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है, जिसकी जांच कराई जाएगी। यदि आरोपों में सच्चाई पाई गई, तो दोषियों पर उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।