बाहा बोंगा पर ग्रामीण पारंपरिक परिधान में खूब थिरके

Anupam Kumar
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बरसोल। बरसोल के मानुसमुड़िया गांव में बाहा बोंगा पूजा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर अतिथि पूर्व विधायक कुणाल सारंगी, डॉ. चंपई सोरेन, वर्तमान विधायक के धर्म पत्नी नैना मोहंती, संपूर्ण मानवता कल्याण संघ के अध्यक्ष डॉक्टर संजय गिरी, संस्था के महासचिव अभिषेक गौतम, आजसू के जिला कार्यकारि अध्यक्ष फणि भूषण महतो, समीर सेना के राकेश महंती, जिला परिषद अर्जुन पूर्ति,शिब चंरण हंसदा, पूर्णेन्दु पात्र, मुखिया नुहा मुर्मु,उपस्थित हुए। इस अवसर पर सभी अतिथियों ने कहा कि सरहुल या बाहा बोंगा प्रकृति से जुड़ा पर्व है। इसमें पर्यावरण संरक्षण का संदेश छिपा है। आदिवासी समाज के लोग प्राचीन काल से ही प्रकृति के बीच निवास करते आ रहे हैं। वे जानते हैं कि प्रकृति का संरक्षण कैसे करना है। इसलिए इनके त्योहारों में साल वृक्ष व उसके फूल की पूजा की जाती है। पूजा के उपलक्ष्य पर ग्रामीणों द्वारा जाहेर थान को भव्य तरीके से सजाया गया है. अवसर पर पूजा करने के लिए पुरुष और महिलाओं की भीड़ जाहेर थान में उमड़ पड़ी. ग्रामीण पारंपरिक परिधान में सज-धज कर मांदर और धमसे की थाप पर ग्रामीण खूब थिरके. इस दौरान आदिवासी संस्कृति धरातल पर उतर आयी. पुजारी सोमाय मुर्मु व शीलू मुर्मु ने परंपरा के मुताबिक लोगों की पूजा करवाई. ग्रामीणों ने पूजा कर क्षेत्र में सुख, शांति और समृद्धि की कामना की। मौके पर चाकुलिया प्रखंड अध्यक्ष पूर्णेन्दु महतो, दीपक मर्दिना, अमरदीप पाल, बीधान मंडी, रबी मांडी, धनेस्वर मुमृ, मंगल हेम्ब्रम, मिथुन कर, बुला बारीक, हाड़ीबोन्धु बारीक, निलीश महतो, अभिषेक कुमार, राशू भुइयां, सुभम भोल आदि उपस्थित थे।

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