विनेश फोगाट का “यूटर्न”, कुश्ती में वापसी का एलान, बोलीं-आग कभी बुझी ही नहीं

Neelam
By Neelam
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भारतीय रेसलर विनेश फोगाट पेरिस ओलंपिक के फाइनल में पहुंच गई थीं। उनका सिल्वर मेडल पक्का हो गया था। उन्होंने दुनिया की नंबर एक रेसलर को भी हरा दिया था। हालांकि फाइनल से पहले उनका वजन निर्धारित वजन से ज्यादा था। इसकी वजह से विनेश को डिस्क्वालिफाई कर दिया गया। इसके बाद भारी बवाल हुआ। विनेश का मेडल जीतने का सपना टूट गया तो उन्होंने कुश्ती से संन्यास लेने का फैसला कर लिया। हालांकि, अब उन्होंने अपने अधूरे सपने को पूरा करने का फैसला लिया है।

भारत की स्टार महिला पहलवान विनेश फोगाट ने ओलंपिक में मेडल जीतने के लिए संन्यास वापस लेने का ऐलान किया है।  फोगाट (31) ने शुक्रवार को बड़ा फैसला लेते हुए संन्यास से वापसी का एलान किया और कहा कि वह अब अपना अधूरा ओलंपिक सपना पूरा करने के लिए 2028 लॉस एंजेलिस ओलंपिक की तैयारी करेंगी। 

विनेश का भावुक पोस्ट

विनेश ने इंस्टाग्राम पर एक भावुक पोस्ट साझा किया। उन्होंने लिखा कि पिछले डेढ़ साल में उन्होंने खुद से बहुत सवाल पूछे और खेल से दूर रहकर अपने सफर को समझने की कोशिश की। विनेश ने लिखा, ‘लोग पूछते रहे कि क्या पेरिस ही अंत था। काफी लंबे समय तक, मेरे पास कोई जवाब नहीं था। मुझे मैट से दूर होने की जरूरत थी। दबाव से, उम्मीदों से, यहां तक कि अपनी खुद की महत्वाकांक्षाओं से भी दूर रहने की जरूरत थी। कई वर्षों में पहली बार, मैंने खुद को सच में सांस लेने दिया।

मैं अब भी मुकाबला करना चाहता हूं-फोगाट

फोगाट ने आगे लिखा, मैंने अपने सफर के बोझ को समझने के लिए समय लिया- उतार-चढ़ाव, दिल टूटना, त्याग, मेरे वो रूप जिन्हें दुनिया ने कभी नहीं देखा। और कहीं उस सोच में, मुझे सच मिला, मुझे अब भी यह खेल पसंद है। मैं अब भी मुकाबला करना चाहता हूं।उस खामोशी में, मैंने वह चीज पाई जिसे मैं भूल चुकी थी- वो आग कभी बुझी ही नहीं। वह बस थकान और शोर के नीचे दब गई थी।

मां बनने के बाद भी लौटने का फैसला

विनेश ने लिखा, अनुशासन, दिनचर्या, लड़ाई… यह सब मेरे भीतर बसा है। चाहे मैं कितनी भी दूर चली गई, मेरा एक हिस्सा हमेशा मैट पर ही रहा। तो मैं यहां हूं…लॉस एंजिलिस ओलंपिक की तरफ फिर से कदम बढ़ाते हुए, एक ऐसे दिल के साथ जो बेखौफ है और एक ऐसी आत्मा के साथ जो झुकने से इनकार करती है। और इस बार, लॉस एंजिलिस ओलंपिक की राह पर मैं अकेली नहीं चल रही हूं….मेरा बेटा भी मेरी टीम में शामिल हो रहा है। मेरा सबसे बड़ा मोटिवेशन, मेरा छोटा चीयरलीडर।

इतिहास रचने से चूक गईं थी फोगाट

बता दें कि 2024 पेरिस ओलंपिक में कुश्ती में विनेश फोगाट इतिहास रचने के बेहद करीब थीं। वह ओलंपिक फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बनी थीं और जिस फॉर्म में वह थीं, ऐसा लग रहा था कि वह स्वर्ण भी जीत जाएंगी, लेकिन फाइनल से कुछ घंटे पहले उनका वजन 100 ग्राम ज्यादा पाया गया, जिसके चलते उन्हें मुकाबले से बाहर कर दिया गया। विनेश फोगाट ने अयोग्य घोषित किए जाने के बाद कोर्ट ऑफ ऑर्बिट्रेशन में अपील की। इसके बाद एक कमेटी का गठन भी किया गया था, लेकिन कई बार सुनवाई में देरी हुई और इसी वजह से बाद में उनकी अपील खारिज कर दी गई।

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