पटना। बिहार में मतदाता सूची से जुड़े अब तक के सबसे बड़े सफाई अभियान की शुरुआत हो चुकी है। भारतीय चुनाव आयोग (ECI) ने मंगलवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर इस बात की जानकारी दी कि राज्य में 51 लाख नामों को वोटर लिस्ट से हटाया जाएगा। इसमें वे नाम शामिल हैं जो या तो मृत हो चुके हैं, दो स्थानों पर दर्ज हैं या स्थायी रूप से अन्य क्षेत्रों में चले गए हैं।
✅ महाशुद्धिकरण के आंकड़े चौंकाने वाले
चुनाव आयोग द्वारा Special Intensive Revision (SIR) के तहत कराए गए सत्यापन में यह सामने आया कि —
18 लाख मतदाता मृत पाए गए
26 लाख मतदाता बिहार के अन्य विधानसभा क्षेत्रों में स्थानांतरित हो चुके हैं
7 लाख से अधिक लोगों ने दो स्थानों पर वोटर ID बनवा रखा है
इस प्रकार कुल 51 लाख नामों को वोटर लिस्ट से हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
📅 1 अगस्त से ड्राफ्ट लिस्ट, 1 सितंबर तक आपत्ति का मौका
चुनाव आयोग ने बताया कि 1 अगस्त 2025 को ड्राफ्ट वोटर लिस्ट प्रकाशित की जाएगी। इसके बाद 1 अगस्त से 1 सितंबर 2025 तक आम नागरिक अपना नाम जोड़ने, हटाने या सुधार के लिए दावा/आपत्ति दर्ज करा सकेंगे। अंतिम मतदाता सूची 30 सितंबर को जारी की जाएगी।
🤝 राजनीतिक दलों को सौंपी गई रिपोर्ट
ECI ने बिहार के 12 प्रमुख राजनीतिक दलों को विस्तृत सूची सौंपी है जिनमें —
21.36 लाख ऐसे मतदाता हैं जिन्होंने अभी तक गणना फॉर्म (EF) जमा नहीं किया है।
52.30 लाख ऐसे मतदाता हैं जो या तो मृत पाए गए, पलायन कर गए या दो जगह पंजीकृत हैं।
🔍 1 लाख बीएलओ, 4 लाख वॉलंटियर जुटे फील्ड में
बिहार में इस अभियान को धरातल पर उतारने के लिए 1 लाख बीएलओ, 4 लाख वॉलंटियर और 1.5 लाख BLA लगातार भ्रमण कर रहे हैं। वे ऐसे मतदाताओं की पहचान कर रहे हैं जो अपने पते पर नहीं मिल रहे या जिन्होंने अब तक फॉर्म नहीं भरा है।
📊 6.62% वोटर सूची से बाहर हो सकते हैं
ECI के अनुसार, यह संख्या बिहार के कुल मतदाताओं का लगभग 6.62% है। इनमें वे मतदाता शामिल हैं जिनकी मृत्यु हो चुकी है, जो पलायन कर गए हैं, दो जगह पंजीकृत हैं, या जिनके बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है (11,000 से अधिक)।
📢 पात्र न छूटे, अपात्र न जुड़े: आयोग का उद्देश्य
चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि यह पूरी प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए की जा रही है। लक्ष्य है कि —
कोई भी पात्र नागरिक छूटे नहीं
कोई भी अपात्र नागरिक जुड़े नहीं