डिजिटल डेस्क। मिरर मीडिया: भारी हिंसा के बाद सत्ता छोड़ भारत पहुंची बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने हाल में अमेरिका पर अपनी सरकार गिराने का आरोप लगाया था। शेख हसीना का आरोप था कि अमेरिका ने सेंट मार्टिन आइलैंड मांगा था। अगर वह दे देती तो शायद आज मेरी सरकार बनी रहती। मगर ऐसा न करना भारी पड़ गया। हसीना का आरोप है कि इस आइलैंड के सहारे अमेरिका बंगाल की खाड़ी में अपना वर्चस्व बढ़ाना चाहता है।
शेख हसीना के आरोपों पर अमेरिका ने दी प्रतिक्रिया
वहीं,अब शेख हसीना के इन्हीं आरोपों पर पहली बार अमेरिका ने प्रतिक्रिया दी है। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव करीन जीन पियरे ने कहा कि बांग्लादेश मामले में हमारा कोई हाथ नहीं है। अमेरिकी सरकार के इसमें शामिल होने की रिपोर्ट अफवाह है और पूरी तरह से गलत है। यह बांग्लादेशी लोगों का चुनाव है। हमारा मानना है कि बांग्लादेश के लोगों को ही अपने देश की सरकार का भविष्य तय करना चाहिए। यही हमारा रुख है।
बांग्लादेश में हिंसा के पीछे कोई विदेशी हस्तक्षेप नही: अमेरिका
इसके अलावा अमेरिका स्थित विदेश नीति विशेषज्ञ और विल्सन सेंटर में दक्षिण एशिया संस्थान के निदेशक माइकल कुगेलमैन ने शेख हसीना को सत्ता से बेदखल करने वाली हिंसा के पीछे विदेशी हस्तक्षेप के आरोपों का खंडन किया। उन्होंने कहा कि इन दावों के समर्थन में कोई सबूत नहीं देखा है। मगर हसीना सरकार की प्रदर्शनकारियों पर कठोर कार्रवाई ने आंदोलन को और भड़काया था। मेरा दृष्टिकोण बहुत सरल है। मैं इसे एक ऐसे संकट के रूप में देखता हूं जो पूरी तरह से आंतरिक कारकों से प्रेरित था।