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West Bengal में हुई हिंसा को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट ने सख़्ती दिखाते हुए कड़ी टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा है कि जहां लोग आठ घंटे शांति से अपना त्योहार नहीं मना सकते, वहां अभी वोट कराने की जरूरत नहीं है वहीं हाईकोर्ट ने चुनाव रद्द करने की चेतावनी देते हुए कहा कि उत्सव के दौरान शांति बनाए रखने में असमर्थ लोग निर्वाचित प्रतिनिधित्व के लायक नहीं हैं।
West Bengal के मुर्शिदाबाद में रामनवमी के दौरान झड़प में कम से कम 19 लोग हुए थे घायल
दरअसल West Bengal पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में 17 अप्रैल को रामनवमी उत्सव के दौरान बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में हुई झड़पों में कम से कम 19 लोग घायल हो गए थे। पीठ ने मुस्लिम राष्ट्रीय मंच (एमआरएम) की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए ये टिप्पणियां कीं, जिसमें मुर्शिदाबाद के बेलडांगा और शक्तिपुर में हिंसा की एनआईए या सीबीआई जांच की मांग की गई थी। शक्तिपुर इलाके में यह हिंसा रामनवमी जुलूस के एक स्थानीय मस्जिद से गुजरने के तुरंत बाद हुईं, जिसमें कई लोग घायल हो गए थे।
आचार संहिता लागू होने के बावजूद दो संप्रदायों लड़ रहे हैं, तो चुनाव की आवश्यकता नहीं
वहीं संज्ञान लेते हुए कलकत्ता हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस टीएस शिवगणनम और जस्टिस हिरण्मय भट्टाचार्य की पीठ ने कहा कि इलाके में 4 मई और 13 मई को होने वाले लोकसभा चुनावों को रद्द किया जाना चाहिए। चीफ जस्टिस ने कहा, ‘अगर लोग शांति और सद्भाव में नहीं रह सकते हैं, तो हम चुनावों को रद्द कर देंगे। अगर आदर्श आचार संहिता लागू होने के बावजूद दो संप्रदायों के लोग इस तरह लड़ रहे हैं, तो उन्हें चुनाव की आवश्यकता नहीं है।
अदालत ने पूछा कि क्या इसमें बाहरी लोग शामिल थे?

चीफ जस्टिस ने कहा कि कोलकाता में रामनवमी पर लगभग 33 कार्यक्रम आयोजित किए गए, लेकिन कोई अप्रिय घटना नहीं हुई। यह देखते हुए कि दोनों याचिकाकर्ता एक ही बात पर सहमत थे कि पहले रामनवमी पर मुर्शिदाबाद में उन जगहों पर ऐसी कोई घटना नहीं हुई थी, अदालत ने पूछा कि क्या इसमें बाहरी लोग शामिल थे?
कोलकाता में 33 स्थानों पर रामनवमी समारोह शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ।
चीफ जस्टिस ने सरकारी वकील अमितेश बनर्जी से उन घटनाओं के बारे में पूछताछ की, जिनके कारण झड़पें हुईं। अमितेश बनर्जी ने समझाया कि सड़कों पर चल रहे कुछ लोगों ने क्षेत्र में लटके दो झंडे फटे हुए पाए। इस पर न्यायाधीश ने टिप्पणी की कि सबक कभी नहीं सीखा जाता। ऐसा संभवतः चुनाव के कारण है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि कोलकाता में 33 स्थानों पर रामनवमी समारोह शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ।
हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूरे मामले की रिपोर्ट तलब की
कलकत्ता हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने कहा कि हम चुनाव आयोग से दरखास्त करेंगे कि बरहमपुर की लोकसभा का चुनाव पीछे कर दें। इसके बाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से इस पूरे मामले की रिपोर्ट तलब की है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 26 अप्रैल को होगी।